डेढ़ माह में आधा दर्जन से अधिक डूबेउटंगन (पार्वती) ने पिछले डेढ़ माह में ही आधा दर्जन से अधिक लोगों को निगल लिया है। जिनमें सांडे का पूरा के एक अध्यापक, खूबी के पुरा की 2 मासूम बालिकाएं और सखवारा रपट पर ट्रेक्टर बहने से डूबे 2 लोगों के, 31 जुलाई को नदोली गांव में किशोर के बाद गुरुवार को परसुआपुरा का किशोर भी नदी में डूबा है।
क्या हैं कारण अधिकांश मौतों के कारणों की जांच की ओर प्रशासन का न तो ध्यान ही गया है और न ही इनके कारणों की जांच की गई है। जिसके चलते हर बार दुर्घटना के बाद बस शवों का रेस्क्यू और मुकदमा दर्ज करने तक ही सीमित दिख रहा है। अगर कारणों की जांच कर लोगों को जागरूक किया जाता तो लगातार हो रही मौतों के आंकड़ों को नियंत्रित किया जा सकता था। हालांकि ग्रामीणों के अनुसार आम तौर पर सूखी रहने वाली नदी में पानी की गहराई का अंदाजा न लगा पाना। हजारों एकड़ सरकारी चरागाहों पर दबंगों के अतिक्रमण के बाद गरीब तबके के किशोरों के नदी किनारे पशुओं को चराने जाना और गर्मी में नदी में नहाने का लालच और युवाओं द्वारा लापरवाही व अतिउत्साह के चलते नदी को पार करने का प्रयास मुख्यत: सामने आ रहा है।
परिजन अनहोनी से चिंतित ग्रामीणों ने बताया कि नदी में डूबा किशोर धर्मवीर परसुआपुरा निवासी लाखन निषाद की चार संतानों में सबसे बड़ा है। ऐसे में परिजनों के साथ ग्रामीण भी चिंतित हैं। सैकड़ों ग्रामीण नदी में धर्मवीर की तलाश में जुटे हुए हैं। वहीं परिजन भी निढाल दिखाई दे रहे थ