scriptतीर्थराज पुष्कर : मंदिरों की नगरी पर नहीं नेताओं का ध्यान | Teerthraj Pushkar: The attention of leaders not on the city of temples | Patrika News

तीर्थराज पुष्कर : मंदिरों की नगरी पर नहीं नेताओं का ध्यान

locationअजमेरPublished: Oct 03, 2021 03:16:59 pm

पुष्कर को पांच साल पहले भाजपा राज में तिरुपति की तर्ज पर ‘टेम्पल सिटीÓ के रूप में विकसित करने की घोषणा तो जोर-शोर से हुई लेकिन उसके बाद से आज तक हुआ कुछ भी नहीं।

तीर्थराज पुष्कर : मंदिरों की नगरी पर नहीं नेताओं का ध्यान

तीर्थराज पुष्कर : मंदिरों की नगरी पर नहीं नेताओं का ध्यान

युगलेश शर्मा.

अजमेर. विश्व रचयिता ब्रह्मा के दुनियाभर में इकलौते मंदिर से गर्वित, हर घर में मंदिर और ‘तीर्थराजÓ के रूप में देश-दुनिया में जाना-पहचाना जाने वाला पुष्कर अब स्वयं के अस्तित्व की ही लड़ाई लड़ रहा है। पांच साल पहले भाजपा राज में इसे तिरुपति की तर्ज पर ‘टेम्पल सिटीÓ के रूप में विकसित करने की घोषणा तो जोर-शोर से हुई लेकिन उसके बाद से आज तक हुआ कुछ भी नहीं।
इसलिए हो टेम्पल सिटी

पुष्कर में प्रवेश करते ही मंदिरों के दर्शन शुरू हो जाते हैं। दुनिया भर में ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर पुष्कर में ही है। वहीं यहां पुरोहितों का ऐसा कोई घर नहीं जहां मंदिर नहीं हों। पुष्कर का धार्मिक महत्व पूरे विश्व में है। यहां देश-दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। पुष्करराज की गणना पंचतीर्थों में होती है। चारधाम की यात्रा के बाद पुष्कर यात्रा का बड़ा धाॢमक महत्व माने जाने से इसे तीर्थराज कहा गया है। पुराणों के अनुसार पुष्कर सरोवर में स्नान पुण्यदायी होता है।
यह हुई थी घोषणा

वर्ष 2015 में बूढ़ा पुष्कर फीडर निर्माण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुष्कर को टेम्पल टाउन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की थी। पुष्कर में 24 कोस की परिक्रमा मार्ग को तैयार करने के निर्देश भी दिए थे। इसके बाद इस घोषणा को सिरे से ही भुला दिया गया।
इसलिए पुष्कर खास

500 मंदिर
52 घाट
22 हजार की आबादी
600 पुरोहित परिवार
5000 श्रद्धालुओं की प्रतिदिन आवक
10 लाख श्रद्धालुओं की प्रतिवर्ष आवक

कमियां बेहिसाब. . .

1. सरोवर में गंदे पानी की आवक
पुष्कर में तीन पौराणिक सरोवर (प्रधान, कनिष्ठ और मध्य) है। इनके स्वरूप को बनाए रखना बहुत जरूरी है। मुख्य सरोवर में बरसाती और गंदे पानी की आवक बड़ी समस्या है। इससे सरोवर अपनी पवित्रता खोता जा रहा है।
2. असंरक्षित घाट

सरोवर के घाटों की दुर्दशा पर नजर डालें तो स्थानीय पुरोहितों की चिंता बेवजह नहीं लगती। घाटों पर साफ-सफाई के लिए न तो स्थानीय प्रशासन चिंतत है और न ही यहां आने वाले तीर्थयात्री।
3. उपेक्षित मंदिर

शहर में प्रमुख पांच मंदिर (ब्रह्मा मंदिर, नए रंगजी का मंदिर, पुराना रंगजी का मंदिर, अटमटेश्वर महादेव और वराह मंदिर) हैं। इनके संरक्षण की दरकार है। वर्तमान में इन मंदिरों के पास में ही कचरा डिपो बना दिए गए हैं। साथ ही मंदिरों तक पहुंचने के लिए कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगे हैं।
4. नहीं परिक्रमा मार्ग

पुष्कर में 24 कोस और 84 कोस अरण्य तीर्थ प्रदक्षिणा का विशेष महत्व माना जाता है। इनका परिक्रमा मार्ग बनना चाहिए।

5. सीवरेज जी का जंजाल

पुष्कर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने से पहले ही सीवरेज लाइन शुरू कर दी गई। इससे बड़ी समस्या खड़ी हो गई। सीवरेज का पानी कई बार सड़कों पर आ जाता है।
6. मूलभूत सुविधाएं बदहाल

पुष्कर में यातायात, पेयजल, बिजली, साफ-सफाई, चिकित्सा आदि सुविधाओं में बढ़ोतरी की जरूरत है। सड़कें जगह-जगह से टूटी पड़ी हैं।

7. नशे का कारोबार

कहने को पुष्कर धार्मिक नगरी है लेकिन यहां नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। पर्यटकों के बढऩे के साथ ही युवा पीढ़ी भी नशे की लत में पड़ती जा रही है।
जनप्रतिनिधियों को भी नहीं सरोकार!

चौंकाने वाली बात यह भी, कि राजनीतिक स्तर पर की गई इस मुनादी के बाद ना तो जिले के जनप्रतिनिधियों ने दोबारा कोई आवाज उठाई और ना ही फिलहाल मौजूदा राज्य सरकार ने नए सिरे से कोई घोषणा की है। गौरतलब यह भी कि वर्तमान में अजमेर जिले के कुल 8 विधायकों में से खुद पुष्कर विधायक सहित पांच भाजपा विधायक जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं मगर, अपने राज में हुई घोषणा को लेकर किसी ने भी कोई कारगर कवायद कांग्रेस शासन में नहीं की। हालांकि पुष्कर के मौजूदा भाजपा विधायक सीधे प्रधानमंत्री से बातचीत कर इसके लिए कवायद करने का भरोसा दिलाते हैं।
पुरोहित बोले…

धार्मिक पुष्कर तीर्थ को प्राचीनतम मूल स्वरूप में लौटाने के लिए टेम्पल सिटी घोषित करना बहुत जरूरी है। इससे यहां के मंदिरों एवं पुरातात्विक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी।
-गोविंद पाराशर, तीर्थ पुरोहित पुष्कर
धार्मिक नगरी पुष्कर में विदेशी आवक बढऩे के साथ ही यहां की संस्कृति का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। इसलिए पुष्कर तीर्थ को टेम्पल सिटी के रूप में विकसित किया जाना अत्यंत जरूरी है। टेम्पल सिटी बनने से यहां पर धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ अध्यात्मिकता बढ़ेगी तथा ब्रह्मा का प्राचीन तीर्थ अपने मूल स्वरूप में लोट सकेगा।
-श्रवण पाराशर, संयोजक तीर्थ पुरोहित संघ
पुष्कर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थराज पुष्कर की धार्मिकता आध्यात्मिकता मंदिरों की पूरी जानकारी देने की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार इस संपूर्ण पुष्कर क्षेत्र को टेम्पल सिटी घोषित करें तभी इस सतयुगी तीर्थ की महिमा और रोजगार बढ़ेगा।
-संत पाठक, चित्रकूट धाम पुष्कर

नेता कहिन…

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुष्कर को टेम्पल टाउन बनाने की घोषणा की थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर बात कर पुष्कर विकास पर चर्चा की है। उनसे मैंने पुष्कर को टेम्पल टाउन बनाने की मांग की। इस बारे में मैं स्वयं प्रधानमंत्रीजी से मिलकर पुष्कर को टेम्पल टाउन घोषित कराने का प्रयास करूंगा।
-सुरेश सिंह रावत विधायक पुष्कर

पुष्कर को टेम्पल टाउन बनाना बहुत अच्छा कॉन्सेप्ट है। इसके लिए मुख्यमंत्री से मिलकर जो भी आवश्यक होंगे सभी प्रयास किए जाएंगे।
-नसीम अख्तर, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष

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