अजमेर. मोहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों से जायरीन की आवक लगातार जारी है। इसके चलते कायड़ विश्राम स्थली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल नजर आने लगा है। ख्वाजा साहब की स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी शनिवार तडक़े 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया। यह चिल्ला साल में एक बार सिर्फ मोहर्रम में ही 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां आते हैं।
अजमेर. मोहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों से जायरीन की आवक लगातार जारी है। इसके चलते कायड़ विश्राम स्थली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल नजर आने लगा है। ख्वाजा साहब की स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी शनिवार तडक़े 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया। यह चिल्ला साल में एक बार सिर्फ मोहर्रम में ही 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां आते हैं।
अजमेर. मोहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों से जायरीन की आवक लगातार जारी है। इसके चलते कायड़ विश्राम स्थली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल नजर आने लगा है। ख्वाजा साहब की स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी शनिवार तडक़े 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया। यह चिल्ला साल में एक बार सिर्फ मोहर्रम में ही 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां आते हैं।
अजमेर. मोहर्रम पर देश के विभिन्न स्थानों से जायरीन की आवक लगातार जारी है। इसके चलते कायड़ विश्राम स्थली और दरगाह क्षेत्र में मिनी उर्स का माहौल नजर आने लगा है। ख्वाजा साहब की स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी शनिवार तडक़े 4 बजे जियारत के लिए खोल दिया गया। यह चिल्ला साल में एक बार सिर्फ मोहर्रम में ही 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इसकी जियारत के लिए देश-विदेश से जायरीन यहां आते हैं।