दरअसल, खरवड़ निवासी भगवत सिंह राठौड़ के पुत्र सत्येन्द्र सिंह राठौड़ का विवाह कोटड़ी (भीलवाड़ा) निवासी तेजसिंह राणावत की पुत्री कृष्णा कंवर के साथ हुआ है। सात फेरे के बाद बाद दूल्हा सत्येन्द्र दुल्हन को हैलीकॉप्टर से लेकर अस्थाई हेलीपेड पर उतरा। ग्रामीणों व परिजन ने पुष्पवर्षा कर नव दम्पती का स्वागत किया। लोगों की भीड़ को देखते हुए बोराड़ा थानाधिकारी गुमान सिंह मय जाब्ता मौजूद रहे। दूल्हे के दादा जवान सिंह व महेंद्र सिंह,पृथ्वी सिंह, जगदीश सिंह, रणवीर सिंह आदि परिजन ने नवविवाहित जोड़े का परम्परागत रूप से स्वागत किया।
दहेज से परहेज वर्तमान युग में दहेज जैसी कुप्रथा का विरोध करते हुए एक साधारण परिवार के सदस्य भगवत सिंह राठौड़ ने अपने पुत्र के विवाह में समधि से दहेज लेने के लिए मना कर दिया। कन्यादान और दहेज के रूप में मात्र एक रुपया लिया है। जो समाज के लिए मिसाल मानी जा सकती है।