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गायों की मौत ने जनमानस को झकझोरा, कर रहे व्यवस्थाएं

locationअजमेरPublished: Jan 22, 2022 01:58:07 am

Submitted by:

Dilip

प्रशासनिक एवं नगरपालिका की लापरवाही से हो रही गायों की मौत
शहर और देहात क्षेत्र में गत सप्ताह में गायों की मौत ने हर जन मानस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। थोड़े से ही समय में प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई इन मौतों की जिम्मेदारी सरकार की है।

गायों की मौत ने जनमानस को झकझोरा, कर रहे व्यवस्थाएं

गायों की मौत ने जनमानस को झकझोरा, कर रहे व्यवस्थाएं

बाड़ी. शहर और देहात क्षेत्र में गत सप्ताह में गायों की मौत ने हर जन मानस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। थोड़े से ही समय में प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई इन मौतों की जिम्मेदारी सरकार की है। उससे अधिक जिम्मेदारी समाज सेवियों की भी है। आवारा जानवरों के लिए गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में परेशानी रहती है। गाय को पालने वाले तो जब तक वह दूध देती है, तब तक उसकी देखभाल करते हैं। बाद में बाजार में भेज देते हैं। आवारा सांडों के कारण पिछले कुछ समय में ही काफी वृद्धजनों को चोटिल किया है।
गोशाला बिजौली में क्षमता से अधिक हैं गोवंश और नंदी
जिले की सबसे बड़ी गोशाला बिजौली सरकार के सहयोग से भामाशाहों के संरक्षण में संचालित है। उसमें भी क्षमता से अधिक गोवंश और नंदी हैं। हांड कंपाती सर्दी में जब मनुष्य अपने घरों में रजाइयों में कैद है, तब चार सौ से अधिक गोवंश के चारा पानी और अलाव की व्यवस्था श्री परशुराम गोसेवा संस्थान द्वारा की जा रही है।
गायों को पूरा संरक्षण नहीं मिलने से हर रोज हो रही है मौत
हाल ही में शहर में हुई गायों की मौत से पहले भामाशाहों और नगर पालिका प्रशासन की ओर से चारे और अलाव की व्यवस्था की होती तो, इन मौतों को रोका जा सकता था। आज भले ही गोसेवा सदस्यों की अगुवाई में युवाओं की टोली और पशु चिकित्सकों की टीम गत कुछ वर्षों से शहर में सराहनीय सेवा कर रही है, लेकिन सरकार के बिना सहयोग के गायों को पूरा संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
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