जिले की सबसे बड़ी गोशाला बिजौली सरकार के सहयोग से भामाशाहों के संरक्षण में संचालित है। उसमें भी क्षमता से अधिक गोवंश और नंदी हैं। हांड कंपाती सर्दी में जब मनुष्य अपने घरों में रजाइयों में कैद है, तब चार सौ से अधिक गोवंश के चारा पानी और अलाव की व्यवस्था श्री परशुराम गोसेवा संस्थान द्वारा की जा रही है।
हाल ही में शहर में हुई गायों की मौत से पहले भामाशाहों और नगर पालिका प्रशासन की ओर से चारे और अलाव की व्यवस्था की होती तो, इन मौतों को रोका जा सकता था। आज भले ही गोसेवा सदस्यों की अगुवाई में युवाओं की टोली और पशु चिकित्सकों की टीम गत कुछ वर्षों से शहर में सराहनीय सेवा कर रही है, लेकिन सरकार के बिना सहयोग के गायों को पूरा संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।