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कचरे के पहाड़ पर धधक रही अनदेखी की ‘आग’

दूषित हो रहा पर्यावरण, एनजीटी के नियमों की नहीं हो रही पालना, अत्याधुनिक मशीनों से अपशिष्ट कचरा प्रबंधन कार्य का प्लान नहीं हो सका लागू

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trenching ground

सिलोरा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में जल रहा कचरा।

किशनगढ़ के शहरी क्षेत्र से इन दिनों प्रतिदिन 90 से 100 टन कचरा निकलता है। वाहनों के जरिए कचरा सिलोरा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंका जा रहा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड में बीते कई साल से कचरा एकत्र हो रहा है। यहां बड़ी मात्रा में कचरा एकत्र हो चुका है, लेकिन नगर परिषद का अपशिष्ट कचरा प्रबंधन का प्लान अभी भी कारगर साबित नहीं हो रहा है। बल्कि एनजीटी के नियमों की अनदेखी करते हुए कचरे को जलाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।

सिलोरा के परिवार नाखुश

ऐसे में जल्द ही परिषद प्रशासन को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करते हुए अपशिष्ट कचरा प्रबंधन प्लान तैयार कर उसे लागू करना होगा। कचरे की दुर्गंध और जलने से उठने वाले धुएं से सिलोरा के परिवार पहले से ही नाखुश हैं। ग्रामीण इस ट्रेंचिंग ग्राउंड को ही अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग कर चुके हैं।

ज्यादा दिन काम नहीं चला

डीएलबी ने कचरे के निस्तारण के लिए पंजाब की एक कम्पनी को अपशिष्ट कचरा प्रबंधन कार्य के लिए बीते सालों में 18 महीने का 6 करोड का ठेका दिया था। इस ठेका कम्पनी ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा प्रबंधन का अत्याधुनिक मशीनों का प्लांट लगाकर कामकाज शुरू किया, लेकिन यहां ज्यादा दिन काम नहीं चला और कम्पनी का समय पूरा हो गया।

ट्रेंचिंग ग्राउंड में जलाया जा रहा कचरा

इसके बाद से यानी की बीते चार पांच महीने से ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे को जलाया जा रहा है। इसके कारण पर्यावरण दूषित हो रहा है। नगर परिषद प्रशासन की ओर से अनदेखी बरती जा रही है। सिलोरा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में करीब 40 साल से कचरा फेंका जा रहा है और प्रतिदिन 90 से 100 टन कचरा फेंका जा रहा है। ऐसे में इन दिनों पूरा ट्रेंचिंग ग्राउंड कचरे से अटा हुआ है।

सर्विसलेन तक फैलता है कचरा

नसीराबाद नेशनल हाइवे पर सिलोरा के पास इस ट्रेंचिंग ग्राउंड का कचरा नेशनल हाइवे की सर्विस लेन तक फैल रहा है। साथ ही यहां मवेशियों का भी जमघट लगा रहता है। कचरा बीनने वाले लोगों के भी कई परिवार अस्थायी घर बनाकर रहने लगे हैं। इस कचरे से निकलने वाले लोहे, कांच और प्लास्टिक आदि वस्तुओं को बेचकर परिवार का भरण-पोषण भी कर रहे हैं। इन परिवारों के सदस्यों में कचरे में रहने के कारण कई तरह की बीमारियां फैलने की भी आशंका बनी रहती है। ऐसे परिवारों के लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी किए जाने की जरूरत है।