शहर में सिंधी समाज ने चेटीचंड का पर्व हर्षाेल्लास से मनाया। सिंधी समाज के लोगों ने ईष्टदेव झूलेलाल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया। सिंधी पंचायत व सिंधी समाज की प्रमुख सामाजिक संस्थाओं ने ध्वज पताका फहराई। दिल्ली गेट स्थित प्राचीन लाल साहिब मंदिर झूलेलाल धाम पर पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। सिंधी संतोें के सानिध्य में पूजन कार्यक्रम हुए। शहर के चार दिवारी में पुराने सिंधी मंदिरों, अजय नगर, वैशाली नगर, दिल्ली गेट आदि मंदिरों में पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रम हुए।
जुलूस मार्ग को सजायाचेटीचंड का जुलूस शहर के प्रमुख मार्ग से निकाला गया। करीब एक किलोमीटर लंबे जुलूस ने करीब आठ किलोमीटर लंबा सफर तय किया। इस दौरान सड़क के दोनों ओर जुलूस देखने के लिए सैकड़ों महिलाएं व पुरुष घंटों जुलूस देखने के लिए धूप में खड़े नजर आए।
आखिरी झांकी आशागंज तो पहली केसरगंज के पासजुलूस में करीब 50 झांकियों के जुलूस की लंबाई करीब डेढ किलोमीटर थी। पहली झांकी ऊसरी गेट केसरगंज के निकट पहुंच गई। तब आखिरी झांकी ट्रांबे स्टेशन पहुंची। इसी से जुलूस की लंबाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।