scriptसंचालन को दिया था उद्यान, ठेकेदार ने बना ली दुकानें | The garden was given to the operation, the contractor built the shops | Patrika News

संचालन को दिया था उद्यान, ठेकेदार ने बना ली दुकानें

locationअजमेरPublished: Aug 24, 2019 08:05:45 pm

Submitted by:

bhupendra singh

अफसरों ने आंख मूंद कर दे दी निर्माण स्वीकृति
नगर निगम

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अजमेर. हृदय योजना के तहत लवकुश उद्यान के किनारे निर्मित ‘लेक व्यू फूड कोर्ट’ संचालन से पहले ही विवादों में है। नगर निगम ने ठेकेदार ( contractor) को लेक व्यू फूड कोर्ट संचालन का ठेका दिया (garden was given to the operation) लेकिन उसने नियमों को ताक पर रखकर भू-तल पर दुकानों (built the shops) का निर्माण कर लिया। जिम्मेदार अफसरों ने इस मामले में कार्रवाई करने की बजाय आखें मूंदे रखीं। अब इस मामले को लेकर महापौर धर्मेन्द्र गहलोत व आयुक्त चिन्मयी गोपाल एक बार फिर आमने-सामने हैं। महापौर ने पत्र जारी कर कहा कि इस मामले में यूओ नोट जारी कर तीन दिन में ठेकेदार द्वारा की गई अनियमितता की जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं की गई। जो पत्रावली भेजी गई वह भी अनिर्णित ही है। दो महीने तक यूओ नोट का जवाब नहीं देना पत्रावली निस्तारित करना आयुक्त की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। आयुक्त की मंशा संदेह के घेरे में है।
अभियंताओं ने ही गोल कर दीं शर्तें

निगम ने ठेकेदार दीपक जैन को 38 लाख 70 हजार रुपए में ठेका दिया था। ठेके की शर्तो के अनुसार ठेकेदार परिसर में किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य/रद्दोबदल नहीं कर सकता। महापौर के अनुसार अधिशासी अभियंता ओमप्रकाश डींडवाल ने ठेकेदार को टेम्प्रेरी वाटर स्टोरेज बनाने की अनुमति दी। पैरा संख्या 58 से 60 पर अधिशासी अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में ठेकेदार से मिलीभगत कर यह अंकित किया कि शर्त संख्या 34 के अनुसार ठेकेदार कोई भी अस्थाई निर्माण कर सकता है, जबकि 7 सितम्बर 2019 को संशोधित निविदा शर्त 34 में स्पष्ट उल्लेख है कि ठेकेदार परिसर में किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य/रद्दोबदल नहीं कर सकेगा। अधिशासी अभियंता डींडवाल ने अपने कर्तव्यों से परे हटकर जो टिप्पणी की गई है वह नियमानुसार नहीं है। उपायुक्त अखिलेश कुमार पीपल ने भी डींडवाल की टिप्पणी पर अपनी अनुशंसा करते हुए पत्रावली आगे बढ़ा दी।
कर्तव्यों की अवहेलना
महापौर के अनुसार आयुक्त ने अपने कर्तव्य की अवहेलना करते हुए पत्रावली को अनिर्णित रखा। ठेकेदार ने अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर कहा कि वह 21 जून से कार्य प्रारंभ कर रहा है। ठेकेदार ने नियम शर्तों की ध”िायां उड़ाते हुए निर्माण कर लिया। ठेकेदार ने पक्का निर्माण करते हुए कियोस्क बना लिया है। महापौर ने आयुक्त को आदेशित किया है कि ठेकेदार द्वारा किए गए अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से ध्वस्त करें।
इनका कहना है…
लवकुश उद्यान में अवैध निर्माण का मामला जानकारी में आने पर यूओ नोट जारी किया गया। 23 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर विभागीय प्रकिया के तहत आयुक्त को आदेश जारी कर लवकुश उद्यान ‘लेक व्यू फूड कोर्ट’ में हुए अवैध निर्माण को तोडऩे को कहा गया है।
धर्मेन्द्र गहलोत, महापौर, नगर निगम
महापौर के यूओ नोट से पहले ही मामला ध्यान में आ गया था। इसकी जांच कराई गई। ठेकेदार को अवैध निर्माण हटाने के निर्देशित कर दिया गया था। उसने अवैध निर्माण तोडऩा शुरू कर दिया है। यदि वह ‘लेक व्यू फूड कोर्ट’ को मूल स्वरूप में नहीं लाए तो उसे टर्मिनेट भी किया सकता है।
चिन्मयी गोपाल, आयुक्त, नगर निगम
मैंने नियमानुसार टिप्पणी की है। निर्माण की अनुमति नहीं दी गई, अवैध निर्माण तुड़वा दिया गया है।

ओमप्रकाश डींडवाल, एक्सईएन, नगर निगम

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