scriptटूटने लगी भीलवाड़ा व चित्तौड़ की आस- इस बार नहीं चली बनास | The hope of breaking Bhilwara and Chittor, Banas did not go this time | Patrika News

टूटने लगी भीलवाड़ा व चित्तौड़ की आस- इस बार नहीं चली बनास

locationअजमेरPublished: Sep 14, 2020 11:02:20 pm

Submitted by:

baljeet singh

खारी व डाई ने बढ़ाया गेज, बीसलपुर बांध का गेज 313.51 आरएल मीटर पर स्थिर, त्रिवेणी का गेज 1.10 मीटर दर्ज

टूटने लगी भीलवाड़ा व चित्तौड़ की आस- इस बार नहीं चली बनास

बीसलपुर बांध से पानी निकासी के दौरान कलकल बहती बनास का नजारा (फाइल फोटो)

अजमेर. बीसलपुर बांध के जलभराव में सहायक व कैचमेंट क्षेत्र में पडऩे वाले भीलवाड़ा व चित्तोड़ सहित राजसंमद जिले में इस वर्ष मानसून की बेरुखी के चलते बीसलपुर बांध पूर्ण जलभराव के लिए एक-एक सेमी पानी के लिए तरस रहा है। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार बांध में काफी अधिक पानी होने के बावजूद बांध पूर्ण जलभराव से दो मीटर की दूरी पर अटकता नजर आने लगा है। बीसलपुर बांध का मुख्य जलभराव स्त्रोत बनास नदी ही है, जो बांध के जलभराव का मुख्य आधार भी माना जाता है। बनास नदी राजसंमद जिले के अरावली पर्वत मालाओं में कुंभलगढ़ के पास खमनोर की पहाड़ी से निकली है जिसमें बनास सहित मेनाली, त्रिवेणी, खारी, डाई आदि नदियां मिलती हैं। बनास नदी राजसंमद, नाथद्वारा कांकरोली, चित्तोडगढ़, भीलवाड़ा जिले से होकर बीसलपुर बांध में मिलती है। बनास नदी का कुल जलप्रवाह क्षेत्र 512 किमी का है, जो बीसलपुर बांध से गुजरकर सवाईमाधोपुर होते हुए चम्बल में विलीन हो जाती है। इस बार बनास नदी के जलप्रवाह क्षेत्र में मानसून की बेरुखी के कारण बांध में पानी की आवक काफी कम हो रही है। इस बार जलभराव में सहायक त्रिवेणी का गेज भी 1.70 मीटर से पार नहीं हो सका है। बनास की बेरुखी के चलते बांध में पानी की आवक भी इस बार काफी कम रही है। इस बार बांध में पानी की आवक डाई व खारी नदियों से रही है। बांध के कन्ट्रोल रूम के अनुसार बांध में पानी की आवक रुकने के साथ ही बांध का गेज बीते दो दिनों से 313.51 आर एम मीटर पर स्थिर बना हुआ है, जिसमें 24.609 टीएमसी पानी का भराव है,जो पूर्ण जलभराव का लगभग 63.50 प्रतिशत पानी हो पाया है। बनास नदी के कैचमेंट एरिया में पडऩे वाले भीलवाड़ा जिले में बारिश काफी कम होने से त्रिवेणी का गेज भी दिनोदिन घटता जा रहा है। सोमवार को त्रिवेणी का गेज लगातार घटकर 1.10 मीटर रह रह गया है, जिससे बांध में पानी की कोई उम्मीद नहीं है।


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