भरतपुर रेंज में करीब पचास प्रतिशत मामले पेडेंसी में पड़े हुए है। इसमें सबसे अधिक मामले धौलपुर जिले में ५९.२९ प्रतिशत, भरतपुर में ५७.२८ प्रतिशत, सवाई माधोपुर में ३८.९५ प्रतिशत एवं करौली में जिले में ३३ प्रतिशत मामले अभी तक पेडिंग पड़े हुए है। इसमें हत्या, लूट, चोरी, दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों के मामलों की जांच पेडिंग है। ऐसे में साल के दिसम्बर माह में जिले की पेडेंसी को ० से ५ फीसदी तक लाना पुलिस के लिए चुनौती है।
ये कारण रहे पेडेंसी बढऩे के भरतपुर रेंज में पेडेंसी बढऩे के कारणों की ओर ध्यान दिया जा जाएं तो इस स्थिति के लॉक डाउन में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी दी गई, इस दौरान रेंज के किसी भी जिले को अतिरक्त फोर्स नहीं मिली, जो कि लॉक डाउन ड्यूटी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी थी। जिसके कारण पुलिस नए व पुराने मामलों की ओर ध्यान नहीं दे पाई। दूसरा कारण लॉक डाउन के दौरान लोगों का थाने से कनेक्शन कट गया था। सभी लोग घरों में थे। लॉकडाउन खुलने के बाद भी आमजन की थानों तक अप्रोच कम हो गई। पुलिस ने किसी को बयान देने के लिए बुलाया भी तो वे भी नाम मात्र की संख्या में पहुंचे। तीसरा सबसे मुख्य मुख्य कारण लॉक डाउन के दौरान कोर्ट भी सिर्फ जरूरी प्रकरणों के लिए खोले गए। परिस्थिति अनुसार आरोपी पेश करने और चालान परेश करने के तरीकों में भी बदलाव किया गया। ऐसे में कई चालान पेश नहीं किए गए।
रेंज के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक लगातार क्राइम मीटिंग ले रहे है और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी थानों में पहुंच कर संपर्क में है। मैनें रेंज के सभी एसपी व एएसपी की हाल में विडियो क्रांफेंसिंग के जरिए मीटिंग ली है। पेंडेंसी कम करने के लिए पर जोर दिया जा रहा है।
संजीव नर्जरी, पुलिस महानिरीक्षक, भरतपुर रेंज