तेज रफ्तार और ऊंची आवाज में म्यूजिक शहर से गुजरने वाले अवैध बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के काफिले तेज रफ्तार से गुजरते हैं। साथ ही इनमें ऊंची आवाज में म्यूजिक भी बजता है। काफिले के आने की आहट दूर से ही सुनाई दे जाती है। इसके बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
व्यवस्थाओं को बता रहे ठेंगा जिला मुख्यालय पर बाड़ी रोड पर ही कलक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय है। दिनभर यहां अधिकारियों की आवाजाही रहती है। आगरा, भरतपुर आदि स्थानों पर जाने के लिए इन ट्रेक्टरों और ट्रकों को शहर से ही गुजरना पड़ता है। इसके बावजूद इन ट्रेक्टरों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।
मुख्यालय पर यह हाल, पूरा जिला है बेहाल जिला मुख्यालय पर दिन-रात चंबल बजरी का अवैध परिवहन हो रहा है। ऐसे में जिले के हालात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। राजाखेड़ा और बाड़ी क्षेत्रों में बेलगाम बजरी माफिया आवाजाही सर्वविदित है।
थाने-चौकी पर न रोक न टोक चंबल से बजरी के अवैध उत्खनन के बाद ट्रेक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों को भरतपुर और आगरा की ओर जाने के लिए सागरपाड़ा पुलिस चौकी, कोतवाली थाना क्षेत्र, गुलाब बाग ट्रेफिक पॉइंट, निहालगंज थाना क्षेत्र, सदर थाना क्षेत्र, सैंपऊ थाना क्षेत्र से गुजरना पड़ता है। दनदनाते गुजरते इन ट्रेक्टरों और ट्रकों पर कभी-कभार की इक्का-दुक्का कार्रवाई के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती है।
गर्म है चर्चाओं का बाजार बेलगाम दिन-रात दौड़ते इन ट्रेक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों को देख लोगों में तरह-तरह की चर्चा है। लोगों में चर्चा है कि वन विभाग, खनन विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की ओर से बनाई गई एसआईटी की ओर से इन पर कार्रवाई नहीं होने से मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।