scriptएक तो बुढ़ापा फिर तीन पोतियों की परवरिश की जिम्मेदारी | The responsibility of raising granddaughters | Patrika News

एक तो बुढ़ापा फिर तीन पोतियों की परवरिश की जिम्मेदारी

locationअजमेरPublished: Aug 07, 2019 02:48:34 am

Submitted by:

dinesh sharma

पुत्र और पुत्रवधू की मौत से बिगड़ी परिवार की आर्थिक स्थिति, किराए के मकान में कर रहे गुजर-बसर, नहीं चुका पाते हैं किराया

The responsibility of raising granddaughters

एक तो बुढ़ापा फिर तीन पोतियों की परवरिश की जिम्मेदारी

सत्येंद्र शर्मा

मदनगंज-किशनगढ़ ( अजमेर ).

महंगाई के इस दौर में जहां हर किसी को परिवार के भरण-पोषण में ऐडी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है, वहीं एक वृद्धा पर तीन पोतियों की परवरिश की जिम्मेदारी आन पड़ी है। शरीर से कमजोर और आंखों की रोशनी भी कम हो चुकी बूढ़ी दादी के सामने तीन पोतियों का भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है।
मकान का किराया तो दूर की बात वह अपने और पोतियों के लिए दो जून रोटी की व्यवस्था तक ठीक से नहीं कर पा रही। गांधीनगर के वार्ड 5 स्थित रैगर मोहल्ला निवासी 60 वर्षीय रुकमा देवी ने बताया कि उसकी पुत्रवधू जमना देवी का वर्ष 2016 में निधन हो गया।
11 माह बाद ही पुत्र मुकेश भी चल बसा। ऐसे में उनके ऊपर पोतियों ज्योति, लक्ष्मी और आशा की जिम्मेदारी आ गई। वह दिनभर की मजदूरी के बाद भी अपना और तीनों बच्चियों का समय पर भरण-पोषण नहीं कर पा रही हैं। वृद्धावस्था होने से दादी का स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा है।
टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई

सामान्य व्यक्ति जहां गर्मी में लाइट जाते ही बैचेन हो जाता है, वहीं दादी पोतियां गर्मी में बिना लाइट के ही जीवन यापन कर रही हैं। तीनों बच्चियां टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करती हैं, ताकि आगे बढ़ें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
डॉक्टर बनना चाहती है ज्योति

आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवार की बड़ी पोती ज्योति की इच्छा है कि वह डॉक्टर बने। वह वर्तमान में राजकीय शार्दूल उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ती है। उसके कक्षा 10 में 68 प्रतिशत अंक आए थे। ज्योति से छोटी लक्ष्मी 12 साल की है।
वह निजी स्कूल में कक्षा 5 में नि:शुल्क पढ़ रही है। सबसे छोटी आशा 9 साल की है और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गांधीनगर में तीसरी कक्षा में पढ़ रही है। राशन के गेहूं के अतिरिक्त इस परिवार को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही है। इस परिवार का कहना है कि किराया नहीं चुकाने के कारण कुछ ही दिनों में उन्हें मकान भी खाली करना पड़ सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो