तोहफे में छिपी ‘रणनीति’
अजमेरPublished: Mar 18, 2023 10:41:47 pm
टिप्पणी


तोहफे में छिपी ‘रणनीति’
अजमेर. चुनावी साल में ब्यावर एवं केकड़ी की जनता को दिए गए तोहफे में मुख्यमंत्री की रणनीति का हर कोई कायल हो गया। दो दशक से भाजपा के गढ़ रहे अजमेर जिले को राजनीतिक कुशलता के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस तरीके से भेदा है उसके बारे में भाजपा ने नींद में भी कभी ऐसा ख्वाब नहीं देखा होगा। ब्यावर में भाजपा के विधायक शंकर सिंह रावत की लम्बे समय से ब्यावर को जिला बनाने की मांग को जिस तरीके से मुख्यमंत्री गहलोत ने स्वीकार की है उससे विधायक रावत खुद भी कायल हो गए हैं। ब्यावर को जिला बनाकर गहलोत ने कांग्रेस के प्रति आमजन की सहानुभूति भी बटोरने का काम किया है। पिछले दो दशक में हुए चुनाव में साम, दाम दंड भेद के बावजूद ब्यावर सीट कांग्रेस हथिया नहीं पाई, अब ब्यावर को जिला बनाकर गहलोत ने आगामी चुनाव में कांग्रेस के लिए नई उम्मीद की किरणें जगा दी हैं। ब्यावर के साथ केकड़ी को भी जिला बनाने की घोषणा कर गहलोत ने अपने धुर विरोधियों को भी चित्त कर दिया है। केकड़ी विधायक रघु शर्मा ने दो दिन पूर्व ही समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री गहलोत एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा से मिलकर केकड़ी को जिला बनाने की पुरजोर मांग की। इस दौरान डोटासरा ने भी विधायक शर्मा को कांग्रेस आलाकमान की संज्ञा देते हुए उनकी मांग पर मुहर लगा दी थी। उधर, मुख्यमंत्री गहलोत के तरकश से केकड़ी को जिला बनाने का ऐसा बाण छोड़ा कि उनके धुर विरोधी भी चारों खाने चित्त हो गए। रघु शर्मा एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की नजदीकी को भेदने में भी यह घोषणा काम आएगी। जिले के तोहफे के पीछे छिपी रणनीति ना केवल आगामी चुनाव तक असर करेगी, बल्कि व्यक्तिगत मजबूती की भी छाप छोड़ेगी। जिले की घोषणा की ना तो भाजपा खिलाफत कर पा रही है ना खुशी का इजहार कर पा रही है। मगर अजमेर जिले के सिमटते दायरे को लेकर भाजपा की चिंता भी जायज है।भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से मजबूत अजमेर अब तीन भुजाओं में विभक्त हो जाएगा। अजमेर जिले के ब्यावर व केकड़ी को अलग से जिला बनाने के बाद अजमेर की ताकत कमजोर हो जाएगी। शैक्षिक व चिकित्सा की दृष्टि से केकड़ी पहले ही जीत में है। कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मंत्री रहे डॉ. रघु शर्मा ने हौम्यौपैथी, आयुर्वेदिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज एवं कृषि कॉलेज के लिए पहले से ही केकड़ी की धरा को चुना, उसका फायदा केकड़ी जिले को मिलेगा। वहीं सावर, बघेरा, एकलसिंगा आदि खनन एरिया से 75 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व नुकसान भी अजमेर को होना तय है। उधर, सेरेमिक हब, सीमेन्ट का हब ब्यावर 100 करोड़ से अधिक की राजस्व आय अजमेर को देता रहा है, यह ब्यावर के खाते में शामिल होगी। ब्यावर के जिला बनने से अजमेर का एक औद्योगिक क्षेत्र कट जाएगा। अगर राजनीतिक रूप से देखा जाए तो ब्यावर मगरा क्षेत्र की अलग पहचान है। जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र को यह प्रभावित करता है।