250 टन कचरे का उत्पादन शहर में प्रतिदिन 250 टन कचरे का उत्पादन होता है। यह कचरा नसीराबाद रोड डम्पिंग यार्ड में वर्ष 1997 से डाला जा रहा है। 15 दिसम्बर 2019 तक डम्पिंग यार्ड में 3 लाख 60 हजार 542 क्यूबिक मीटर सॉलिड वेस्ट डाला गया। यहां इस कचरे को किसी भी तरह से प्रोसेस नहीं किया जाता, जिससे वह सड़ता रहता है और चारो तरफ बदबू फैली रहती है।
विवादों में रही निविदा प्रक्रिया
माखूपुरा डम्पिंग यार्ड में जमा कचरे के निस्तारण के लिए 14 करोड़ रुपए का लीगसी वेस्ट प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए 7 फर्मों ने निविदाएं दाखिल की। स्मार्ट सिटी अभियंताओं ने 17 जून को 2020 को तकनीकी बिड खोली। लेकिन दो माह बीतने के बावजूद अभियंता और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेसी (पीएमसी) ने तकनीकी मूल्यांकन नहीं किया। ऑन लाइन प्रक्रिया के बावजूद स्मार्टसिटी के अभियंताओं ने ठेकेदारों को गोपनीय पत्र लिखकर ऑफ लाइन दस्तावेज मांग लिए। पत्रिका में मामला उजागर होने के बाद अभियंता बैकफुट पर आए। जिला कलक्टर ने मामला जांच के लिए एसीईओ खुशाल यादव को भेजा।
माखूपुरा डम्पिंग यार्ड में जमा कचरे के निस्तारण के लिए 14 करोड़ रुपए का लीगसी वेस्ट प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए 7 फर्मों ने निविदाएं दाखिल की। स्मार्ट सिटी अभियंताओं ने 17 जून को 2020 को तकनीकी बिड खोली। लेकिन दो माह बीतने के बावजूद अभियंता और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेसी (पीएमसी) ने तकनीकी मूल्यांकन नहीं किया। ऑन लाइन प्रक्रिया के बावजूद स्मार्टसिटी के अभियंताओं ने ठेकेदारों को गोपनीय पत्र लिखकर ऑफ लाइन दस्तावेज मांग लिए। पत्रिका में मामला उजागर होने के बाद अभियंता बैकफुट पर आए। जिला कलक्टर ने मामला जांच के लिए एसीईओ खुशाल यादव को भेजा।