मुखरिया ने बताया कि उदल पुत्र सोबरन कोटपुरा निवासी का कार से एक्सीडेंट हो गया। हादसा इतना खतरनाक था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। वे घायल ऊदल को अपनी गाड़ी से जिला अस्पताल लाए, लेकिन हॉस्पिटल आते ही दम तोड़ दिया। उनका कहना था कि मौजूद प्रत्यशदर्शी असंवेदनशील दिखाई दिए। एक घंटे से घायल को तमाशबीन की तरह देखते रहे। खड़े होकर फोटो खींचते रहे। यदि समय पर घायल को मदद मिल जाती तो शायद ऊदल जिंदा होता।
ब्रजेश मुखरिया और सरमथुरा थाने के सिपाही हेमराज ने सीने को दबाकर कृत्रिम तरीके से श्वास वापस लाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन देर हो चुकी थी। ऊदल की सांसें हमेशा के लिए थम चुकी थी। मुखरिया और पुलिस कॉन्स्टेबल ने शोक जताया। उन्होंने आमजन से अपील की है कि घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचा कर अपना फर्ज निभा सकते हैं।