प्रवेशोत्सव के तहत महज शिक्षक पने आस-पास के क्षेत्रों में जाकर अभिभावकों से सम्पर्क कर रहे है। ऐसे में विद्यार्थियों के नामांकन वृद्धि करने का उद्ेश्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। अन्य कार्य कर काट रहे समय
शिक्षकों ने बताया कि इस बार विद्यालयों को 20 जून से खोल दिया गया है। 21 जून को विद्यालयों में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन कराना था। बच्चों के नहीं आने से कई विद्यालयों में योग दिवस का आयोजन भी नहीं हो सका। अभिभावकों से सम्पर्क किया जा रहा है। शिक्षकों के अनुसार 1 जुलाई से ही विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में भी यहीं हालात है। वहां कभी 15 बच्चे आते हैं तो कभी केवल एक ही विद्यार्थी विद्यालय आ रहा है।
प्रयासों में कमी नहीं यह सही है कि 20 जून से विद्यालय खुलने के बाद से बच्चों की संख्या कम आ रही है। इसके लिए अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों को विद्यालय लाने का प्रयास किया जा रहा है।
20 जून से सत्र खुलने के बाद से ही बच्चे बहुत कम विद्यालय आ रहे हैं। कभी-कभी मात्र एक बच्चा ही आता है। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों से बच्चों विद्यालय भेजने के लिए कहा जा रहा है।