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भगवान के मन्दिर को भी नहीं बख्शा इन्होंने , काटा दानपात्र को फिर जो किया उसे पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे

locationअजमेरPublished: Nov 06, 2017 11:22:55 am

Submitted by:

Manish Singh

चोरों ने भगवान के मंदिर को भी नहीं छोड़ा। चोर शनिवार रात गणेशगढ़ मंदिर का 5 साल से बंद दान पात्र तोड़ दिया लेकिन दान पात्र से निकली रकम से भरा कट्टा म

thieves cut donation box and stolen money from ganesh temple
अजमेर . चोरों ने भगवान के मंदिर को भी नहीं छोड़ा। चोर शनिवार रात गणेशगढ़ मंदिर का 5 साल से बंद दान पात्र तोड़ दिया लेकिन दान पात्र से निकली रकम से भरा कट्टा मंदिर में ही छोड़ गए। गणेशगढ़ मंदिर समिति पदाधिकारियों ने वारदात में षड्यंत्र का अंदेशा जाहिर किया है। क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने दान पात्र से निकली रकम जब्त कर कमरे में सीज किया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
शास्त्रीनगर स्थित गणेशगढ़ मंदिर में शनिवार रात चोर दानपात्र तोड़ गए। पुजारी राजूपुरी की सूचना पर देर रात क्रिश्चियन गंज थाने से सहायक उप निरीक्षक कुम्भाराम जाप्ते समय पहुंचे। चोर दान पात्र तोडऩे के बाद एक कट्टे में भरी रकम मंदिर परिसर में ही छोड़ गए। पुलिस ने टूटे दान पात्र व उससे निकली रकम को जब्त कर कमरे में सीज कर दिया। हालांकि पुजारी राजूपुरी ने वारदात की सूचना पर मंदिर समिति पदाधिकारियों को भी दे दी। सूचना पर मंत्री कन्हैयालाल सैन व सदस्य रामस्वरूप वैष्णव मंदिर पहुंचे। रविवार सुबह पुलिस ने फिर से मंदिर का निरीक्षण किया।

संदेह के घेरे में वारदात

चोरी की वारदात पेश आई या नहीं। इसमें भी संदेह की स्थिति बनी हुई है। चोर कितनी रकम चुरा ले गए और कितनी छोड़ गए? इन सब पर रहस्य बना हुआ है। मंदिर को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। ऐसे में 2012-13 में मंदिर के दान पात्र पर एक गुट ने ताला जड़ दिया। बंद दान पात्र का शनिवार रात को टूटना संदेह के घेरे में है। दान पात्र को तोडऩा और निकली रकम को कट्टे में छोडऩा? यह सब तथ्य संदेह के घेरे में लाते हैं। हालांकि सोमवार सुबह मंदिर समिति की ओर से पुलिस को शिकायत दी जाएगी।
मंदिर में सो रहे थे पुजारी

वारदात के वक्त पुजारी राजूपुरी शनिवार रात मंदिर के कमरे में सो रहे थे। यहां मंदिर समिति सदस्य ताराचन्द, रामपाल भी मौजूद थे। पुजारी राजूपुरी ने ही बाकी पदाधिकारियों और पुलिस को सूचित किया था।

चोर मंदिर का दान पात्र तोड़ गए लेकिन मंदिर परिसर में ही नकदी से भरा कट्टा छोड़ गए जो समझ से परे है। दान पात्र 2012 से विवाद के चलते बंद है। चोरी हुई या किसी ने षड्यंत्र रचा है। मंदिर समिति की ओर से सोमवार को रिपोर्ट दी जाएगी।
-प्रेम चौधरी, अध्यक्ष गणेशगढ़ मंदिर समिति
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