अन्य जगह से खरीदी एवं सामग्री की मात्रा, गुणवत्ता, उपलब्धता आदि में किसी प्रकार की शिकायत पाए जाने पर संस्था प्रधान ( सचिव) पर गाज गिरेगी। साथ ही व्यय की वसूली व्यक्तिगत तौर पर होगी। इस संबंध में राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद स्तर पर हुई बैठक में निर्णय लिया हैं। साथ ही इसकी पालना सुनिश्चित करने को कहा हैं, ताकि सामग्री खरीदी में पारदर्शिता बनी रहे एवं किसी प्रकार की गड़बड़ी न की जा सकें।
यह भी होगी अब सख्ती – सामग्री का स्टॉक रजिस्टर में इंद्राज वह व्यक्ति करेगा, जो क्रय समिति का सदस्य नही हैं। क्रय के बाद सामग्री की सूची विद्यालय के स्टॉक रजिस्टर में लिखी जाएगी। इसके बाद आवश्यकतानुसार वार्डन की मांग पर रसोई स्टोर में जाएगी।
-क्रय की जाने वाली सामग्री पर केजीबीवी स्तर पर दो व्यक्तियों के हस्ताक्षर होंगे। जिसमें संस्था प्रधान व वार्डन शामिल है। एक के हस्ताक्षर से प्राप्त सामग्री मान्य नही होगी।
– तेल व घी के पीपों पर नंबर व वर्ष अंकित करना जरूरी होगा। पीपो का दो वर्ष के लिए स्टॉक में रखना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही इनका निस्तारण हो सकेगा।
-खरीद किए गए सामग्री के बिल पर ब्राण्ड का नाम लिखा जाना अनिर्वाय होगा। बिना मार्का के बिल अमान्य होगा एवं राशि की वसूली केजीबीवी सचिव से होगी। स्टोर से उपयोग के लिए निकाली सामग्री एवं उसकी मात्रा का विवरण प्रतिदिन रजिस्टर में इंद्राज करना होगा।