चार माह बाद आएगा वैवाहिक सीजन
20 जुलाई को देवशयनी एकादशी तक ही शादी विवाह संपन्न हुई हैं। अब देवउठनी एकादशी से फिर से वैवाहिक सीजन प्रारंभ होगा। मान्यताओं के अनुसार नवदम्पती के जीवन में प्रकाश की किरणें हर समय आती रहें। इसके लिए बेटी व बेटे के माता-पिता विवाह की शुभ घड़ी समय व लगन विद्वान आचार्यों से सुनिश्चित करवाते हैं।
स्टॉक करना किया शुरू गत दो वर्ष से कोरोना वैश्विक बीमारी के कारण विवाह का सीजन पूरी तरह चौपट हो गया था। इन दो माहों में होने वाले इस सीजन को भुनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, शादी कार्ड, कपड़े आदि के व्यापारियों ने स्टॉक करना प्रारंभ कर दिया है।
इनका कहना है
कोरोना गाइड लाइन्स के चलते गत दो वर्ष से धंधा चौपट हो गया है। सरकार को नियमों में ढील देनी चाहिए।योगेंद्र मंगल, प्रमुख कैटर्स कोरोना से पहले एक शादी का बिल एक लाख रुपए से ऊपर बैठता था। वह अब मात्र 20 से तीस हजार तक सिमट कर रह गया है। काम छोटा हो या बड़ा लेबर तो पूरी लगानी पड़ती है। बिना काम दो वर्ष से काफी नुकसान हुआ है।सुनील चंसौरिया, हलवाई
सरकार ने यदि इस बार भी पहले की तरह सख्ती दिखाई, तो व्यापार पूरी तरह चौपट हो जाएगा। कम से कम 1000 लोगों का बैण्ड व्यवसाय से रोजगार मिलता था। गयाप्रसाद कोली, बैंड मालिक।
आज भले ही इंटरनेट के दौर में नवयुगल प्रीवीडिंग शूटिंग पर अधिक आकर्षित हो रहे हैं, पर पहले जैसा काम करने का मजा नहीं रहा है। कोरोना ने व्यापार को प्रभावित किया है। मजीत खान, फोटोग्राफर।
शादी विवाह के सीजन पर ही हमारा व्यवसाय निर्भर है। कोरोना गाइडलाइन्स के चलते शादी कार्ड छप तो रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या में काफी कमी आई है।अनुराग वासु, प्रिंटिंग प्रेस व्यवसाई। पहले एक दिन में ही चार-चार शादी की बुकिंग हो जाती थीं, लेकिन अब तो सीजन में एक शादी की बुकिंग के भी लाले पड़ गए हैं।पिंकी गोयल, ब्यूटी पार्लर संचालिका।