scriptपॉश कॉलोनियों में रहने वाले कब्जा रहे हैं बांडी नदी | Those living in posh colonies are capturing the Bandi River | Patrika News

पॉश कॉलोनियों में रहने वाले कब्जा रहे हैं बांडी नदी

locationअजमेरPublished: Sep 10, 2020 09:15:36 pm

Submitted by:

bhupendra singh

शहर के दूसरे क्षेत्र के हैं अतिक्रमी48 अतिक्रमी हैं निशाने पर

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अजमेर.आनासागर ana sagar व फायसागर foysagar को जोडऩे वाली बांडी नदी bandi river को सुनियोजित तरीके से कब्जा किया जा रहा है। इस खेल में शहर की कच्ची बस्ती लेकर शहर की पॉश कॉलोनी posh colonies में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। नदी के प्रवाह क्षेत्र में 50 से अधिक अतिक्रमण हो चुके हैं। पक्के आवासों, गोदाम, दुकान आदि का निर्माण नदी के प्रवाह क्षेत्र में किया गया है। नदी के बहाव क्षेत्र में ग्राम हाथीखेड़ा, बोराज, कोटड़ा एवं थोक तेलियान की भूमि आती है। जानकारी के अनुसार 17 अतिक्रमी आर.के.पुरम के निवासी है जबकि 13 अज्ञात सहित अन्य अतिक्रमी शास्त्री नगर, केसरगंज, नया बाजार सहित शहर के दूसरे क्षेत्र के निवासी हैं लेकिन उन्होनें हाथीखेड़ा, बोराज,डिफेंस कॉलोनी, कोटड़ा व ज्ञान विहार में नदी की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कर लिए है। बोराज में सर्वाधिक 31, कोटड़ा में 10 तथा हाथीखेड़ा में 7 लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकान, दुकान, फैक्ट्री, गोदाम, बाड़ा, बाउंड्रीवाल का निर्माण कर अवैध कब्जा कर रखा है। जिनके भूखंड नदी क्षेत्र की भूमि से लगते हुए हैं उन्होंनें नदी की जमीन दबा रखी है। बांडी नदी फॉयसागर से आनासागर तक प्रवाहित होती है इसकी लम्बाई तीन किलोमीटर है। राजस्व मानचित्र में बांडी नदी की चौड़ाई (माप) अलग-अलग स्थानों पर अलग है यह 60-200 मीटर है लेकिन कहीं-कहीं पर यह 76-78 मीटर भी है। नदी के दोनों तरफ खेत एवं आबादी बस गई है।
खाली पड़े हैं मकान

बड़े पैमाने पर भू-माफिया ने अतिक्रमण कर अवैध निर्माण करने के साथ ही भूखंडों का बेचान भी किया गया है। खास बात यह है कि मकान के अलावा फैक्ट्री व गोदाम भी बनाए साथ ही इनके नियमन भी करवा लिए गए हैं। नदी के बहाव क्षेत्र में बनाए गए कई अवैध मकान तो खाली पड़े हैं, इनमें बिजली पानी का कनेक्शन तक ले लिए गए हैं। लेकिन यह मकान किसके हैं और इनमें कौन रहता है इसका पता नहीं है। कई लोगों ने नदी प्रवाह क्षेत्र में जमीन की चारदीवारी कर कब्जा जमा रखा है।
नदी के पानी में खुल रहे हैं घरों के दरवाजे

डिफेंस कॉलोनी में नदी को नाली तब्दील कर दिया गया है। यहां नदी के किनारे बनाए गए मंदिर में परिवार रहता है। उसके सामने ही एक और मकान बना हुआ है लेकिन खाली है। पास ही तीन और मकान बनाने की तैयारी चल रही है। मंदिर में निवास करने वाले परिवार ने बताया कि किसने निर्माण किया है हमे पता नही है। घर के दवाजों के सामने ही नदी का पानी बह रहा है। आवाजाही के लिए पत्थर लगाए गए हैं।

कलक्टर ने दिए बांडी नदी के सर्वे के निर्देश, हटाए जाएंगे अतिक्रमण

डिफेंस कॉलोनी में नाली में तब्दील हुई नदी

अजमेर. लुप्त होने के कागार पर पहुंच चुकी फाईसागर से आनासागर आ रही लुबांडी नदी (नाले) को भू-माफियाओं तथा अतिक्रमियों की कब्जे से निकालकर जीवनदान दिया जाएगा। इसे फिर से मूल स्वरूप में लाया जाएगा। अजमेर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने सोमवार को प्राधिकरण के उपायुक्त (उत्तर) अशोक कुमार को बांडी नदी का सर्वे करवाने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे दिए है। सर्वे में यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी कि बांडी नदी की राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार इसका पाट (चौड़ाई) कितनी है तथा अब इसका पाट कितना रह गया है। पाट पर हुए अतिक्रमण तथा नियमन की रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए गएहैं। अजमेर विकास प्राधिकरण व तहसीलदार प्रशासन की संयुक्त टीम ने लुप्त हो रही बांड़ी नदी को पुनर्जीवित करने के करीब तीन वर्ष पूर्व भी सर्वे कर चुकी है। टीम ने अतिक्रमण भी चिन्हित किए थे। ततकालीन प्राधिकरण अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने नदी को मूल स्वरूप लाने में उन्होनों उल्लेखनीय प्रयास किए थे। उनका कार्यकाल होने और सरकार बदलने के साथ ही मामला ठंडा पड़ गया।
बांडी नदी फॉयसागर से आनासागर तक प्रवाहित होती है जिसमें ग्राम हाथीखेड़ा,बोराज,कोटड़ा एवं थोक तेलियान की भूमि आती है। राजस्व मानचित्र में बांडी नदी की चौड़ाई (माप) अलग-अलग स्थानों पर अलग है एवं नदी के दोनों तरफ खेत एवं आबादी बस गई है। नदी के प्रवाह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ पौधे व झाडि़यां उगी हुई है। इन्हें की आड़ में कब्जे हो रहे हैं।
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