घायल ने बताया कि सोनू को मृत देख वह घबरा गया और ट्रेक्टरों को रोकने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने उनको नहीं रोका। जबकि वहां अनेक लोग थे। बाद में उन्हें चिकित्सालय ले जाया गया। जहां सोनू के शव को शहीद राघवेंद्र सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के शवगृह में रखवाया गया है। पुलिस मामले को जांच कर रही है। हालांकि खबर लिखे जाने तक पीडि़त पक्ष द्वारा तहरीर नहीं दी गई थी।
रेता बन रहा जान का दुश्मन
रेता बन रहा जान का दुश्मन
जिले में अवैध रेता उत्खनन के लिए कुख्यात राजाखेड़ा में अब रेता परिवहन ने सडक़ों को हर पल असुरक्षित बना दिया है। जहां दिन भर रेता के ट्रेक्टर तूफानी गति से सडक़ों को रौंद रहे हैं। किस पल कौन इनकी चपेट में आ जाए, कुछ पता नहीं। कहने को तो उपखंड मुख्यालय की हर राह पर उच्च गुणवत्ता के कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन पुलिस की निगाह संभवतय कमजोर हो गई है, जो उन्हें ये दिख नहीं पा रहे या वे देखना नहीं चाह रहे। विगत माह में ऐसे ट्रेक्टर अनेक दुर्घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। लेकिन, कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
रोक नहीं सकते तो इनको दे दो छूट
रोक नहीं सकते तो इनको दे दो छूट
वहीं इस घटना के बाद नागरिकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि इन कालदूतों को न्यायालय के आदेशों के बाद भी रोक नहीं सकते तो कम से कम इन्हें खुला छोड़ दो। संयमित रफ्तार से चलने के लिए पाबंद कर दो। जिससे यह लोगों की जान तो बक्श दें।