क्या है मामला
गुरुवार को विद्युत निगम ग्रामीण ए-2 के निर्देशन पर कनिष्ठ अभियंता जाटोली के क्षेत्र में अधिकारी और कर्मचारी दिहोली पुलिस थाने के ठीक सामने और पीछे स्थापित दो ट्रांसफॉर्मर उतारने पहुंचे थे। जिनसे जुड़े उपभोक्ताओं पर निगम के 166167 रुपए बकाया थे। इनके साथ थाना पुलिस के कर्मचारी भी थे। दस्ते ने दोनों ट्रांसफॉर्मर को खोल लिए और ले जाने लगे। जिसके बाद बकायेदारों ने उनके साथ हाथापाई कर दी। ट्रांसफॉर्मरों को क्षतिग्रस्त भी कर दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसी दौरान बकायेदारों ने किसी प्रभावशाली राजनेता को फोन कर दिया तो थाना पुलिस भी चुपचाप लौट गई और निगम को खाली हाथ ही लौट कर आना पड़ा। हालांकि अब अधिकारियों का कहना है बिल भरने का आश्वासन देने पर वे खुद ही ट्रांसफॉर्मर मौके पर छोड़ आए।
गुरुवार को विद्युत निगम ग्रामीण ए-2 के निर्देशन पर कनिष्ठ अभियंता जाटोली के क्षेत्र में अधिकारी और कर्मचारी दिहोली पुलिस थाने के ठीक सामने और पीछे स्थापित दो ट्रांसफॉर्मर उतारने पहुंचे थे। जिनसे जुड़े उपभोक्ताओं पर निगम के 166167 रुपए बकाया थे। इनके साथ थाना पुलिस के कर्मचारी भी थे। दस्ते ने दोनों ट्रांसफॉर्मर को खोल लिए और ले जाने लगे। जिसके बाद बकायेदारों ने उनके साथ हाथापाई कर दी। ट्रांसफॉर्मरों को क्षतिग्रस्त भी कर दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसी दौरान बकायेदारों ने किसी प्रभावशाली राजनेता को फोन कर दिया तो थाना पुलिस भी चुपचाप लौट गई और निगम को खाली हाथ ही लौट कर आना पड़ा। हालांकि अब अधिकारियों का कहना है बिल भरने का आश्वासन देने पर वे खुद ही ट्रांसफॉर्मर मौके पर छोड़ आए।
कर्मचारियों का फूटा दर्द
घटना के बाद कर्मचारियों ने अपनी बेबसी की कहानी नाम न छापने की शर्त पर बताते हुए कहा कि हम तो सरकार का काम कर रहे थे। पर किसी नेताजी के फोन के बाद जो हमला हम पर पुलिस के सामने किया गया। उसके बाद हम क्षेत्र में कैसे काम कर पाएंगे।
घटना के बाद कर्मचारियों ने अपनी बेबसी की कहानी नाम न छापने की शर्त पर बताते हुए कहा कि हम तो सरकार का काम कर रहे थे। पर किसी नेताजी के फोन के बाद जो हमला हम पर पुलिस के सामने किया गया। उसके बाद हम क्षेत्र में कैसे काम कर पाएंगे।
इन्ही कारणों से बढ़ रहा बकाया
कर्मचारियों ने बताया कि निगम के बकाया बढऩे का कारण ही राजनीतिक संरक्षण है। जब भी कार्यवाही करते हैं, लोग नेताओं के यहां जाकर कार्यवाही रुकवा देते है, तो वसूली कहां से हो। सारे प्रकरणों में ऐसे लोगों को देखकर ईमानदार लोग भी बिल भरना बंद करते जा रहे हैं।
कर्मचारियों ने बताया कि निगम के बकाया बढऩे का कारण ही राजनीतिक संरक्षण है। जब भी कार्यवाही करते हैं, लोग नेताओं के यहां जाकर कार्यवाही रुकवा देते है, तो वसूली कहां से हो। सारे प्रकरणों में ऐसे लोगों को देखकर ईमानदार लोग भी बिल भरना बंद करते जा रहे हैं।
इनका कहना है
हमारा स्टाफ साथ गया था, लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। वरन निगम अधिकारी खुद ही ट्रांसफॉर्मर छोड़ कर आ गए है। बीधाराम, थानाधिकारी, दिहोली इनका कहना है
छीना नहीं, हम ही छोड़ आए हैंं। ग्रामीणों ने बिल भरने का आश्वासन दिया है इसलिए।भास्कर खत्री, सहायक अभियंता, विद्युत निगम, ग्रामीण
हमारा स्टाफ साथ गया था, लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। वरन निगम अधिकारी खुद ही ट्रांसफॉर्मर छोड़ कर आ गए है। बीधाराम, थानाधिकारी, दिहोली इनका कहना है
छीना नहीं, हम ही छोड़ आए हैंं। ग्रामीणों ने बिल भरने का आश्वासन दिया है इसलिए।भास्कर खत्री, सहायक अभियंता, विद्युत निगम, ग्रामीण