इतना होगा कामयोजना में पूरे कस्बे में नई पाइप लाइन डाली जाएगी। तीन पानी की बडी टंकियां तथा एक पम्प हाउस व एक स्वच्छ जलाशय बनाना प्रस्तावित है। विभाग ने कस्बे में वर्षों पूर्व डाली गई पाइप लाइन कम क्षमता की तथा अपर्याप्त होना मानते हुए करीब चालीस किलाेमीटर लम्बी सौ से ढ़ाई सौ मिमी की पाइप लाइन के साथ ही डेढ़ सौ से ढ़ाई सौ एमएम की करीब चार किलोमीटर मुख्य पाइप लाइन डालना तय किया है।
फिलहाल यह इंतजामवर्तमान में 48 घंटे के अन्तराल में जलापूर्ति के लिए 22 लाख लीटर जल की जरूरत है। बीसलपुर से लगभग 18 लाख लीटर पानी मिल रहा है। शेष दो लाख लीटर ट्यूबवैल से मिल जाता है। वर्तमान में चार टयूबवैल से पानी सीधे ही चार जोन में देकर जलापूर्ति की जा रही है।
श्रद्धालुओं का भी रहता है भारपुष्कर में स्थानीय आबादी के अलावा करीब पांच हजार श्रद्धालुओं का रोज आवागमन बना रहता है। जिसके कारण वर्तमान पेयजल वितरण व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। नई योजना स्वीकृत होने पर चौबीस घंटे के अंतराल में ताजा पानी मिल सकेगा।
एक इलाका जलमग्न, एक में सूखावर्तमान में जमनीकुंड रोड़, सामरिया कॉलोनी, नाला, मंशातलाई सहित कुछ अन्य इलाकों में जलदाय विभाग के चार टयूबवेल से सीधे सप्लाई की जा रही है। जबकि बीसलपुर की सप्लाई से जुड़े क्षेत्र इस सुविधा से वंचित हैं। विभाग इस व्यवस्था को बदलकर इन टयूबवेल का पानी भी कस्बे की वितरण व्यवस्था से देने का प्रयास कर रहा है।
मौका निरीक्षण कियाअधिशाषी अभियंता महेन्द्र वर्मा ने सोमवार को कस्बे की पेयजल व्यवस्था का मौका देखा तथा एईएन आंकाक्षा सोनी, जेईएन भोला सिंह के साथ प्रस्तावित नई योजना पर विचार-विमर्श किया। सात साल पुराना है प्रोजेक्टविभाग ने वर्ष 2016 में यह योजना बनाकर सरकार को भेजी थी। लेकनि इसका अनुमोदन नहीं होने से लागत राशि बढ़ती चली गई। अब 2022 में फिर नई दर के अनुरूप योजना का खाका तैयार किया गया है।
इनका कहना है पुष्कर में चौबीस घंटे के अंतराल में जलापूर्ति के लिए करीब पच्चीस करोड़ की योजना बनाई गई है। महेन्द्र वर्मा अधिशाषी अभियंता, जलदाय विभाग।