scriptवह कोरोना पीडि़त नहीं था फिर भी फंदे पर झूल गया | Twenty five year old boy suicide | Patrika News

वह कोरोना पीडि़त नहीं था फिर भी फंदे पर झूल गया

locationअजमेरPublished: Apr 10, 2020 01:21:23 am

Submitted by:

suresh bharti

25 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर की मौत पर उठे कई सवाल, लॉकडाउन अवधि में दौसा से आया था अपने गांव जूनियां, चिकित्सा विभाग ने 14 दिन के होम आइसोलेट में रखा था,जांच रिपोर्ट में उसे कोरोना के कोई लक्षण भी नहीं थे

वह कोरोना पीडि़त नहीं था फिर भी फंदे पर झूल गया

जूनियां में मृतक युवक के घर जांच करती केकड़ी थाना पुलिस

ajmer अजमेर. आखिर ऐसी क्या वजह रही कि एक युवक अपने घर पर आत्महत्या suicide कर बैठा। इन दिनों कोरोना के चलते लॉकडाउन घोषित है। दौसा से वह अपने घर आया था। ऐसे में चिकित्सा विभाग ने उसे 14 दिन के होम आइसोलेट पर जरूर रखा था, लेकिन खुदकुशी की यह तो वजह नहीं हो सकती। भला वह होम आइसोलेट के चार दिन बाद ही अपनी जीवलीला क्यों समाप्त कर लेगा। उसकी रोजाना चिकित्सा जांच भी होती थी। आत्महत्या suicide के दिन गुरुवार सुबह 10 बजे चिकित्सा विभाग की टीम उसके सेहत की जांच कर गई थी। दोपहर बाद तो वह फंदे पर झूल गया। मृतक की परिजन ने किसी काम से भाई को आवाज लगाई। जवाब नहीं मिलने पर उसने कमरे का गेट खिड़खिड़ाया। फिर भी कोई हरकत नहीं हुई। खिडक़ी खोलकर देखा तो मुश्ताक फंदे पर लटका नजर आया। यह देख परिजन जोर से चिल्लाई। उसके विलाप की आवाज सुनकर पड़ोसी व अन्य परिजन भी मौके पर आ गए। सूचना पर केकड़ी थाने से दीवान मदनलाल मीना के नेतृत्व में राजेंद्र आचार्य, अजयकुमार सुरेश कुमार मिथिलेश कुमार घटनास्थल पहुंचे।
…इसलिए चिंता की बात नहीं

अजमेर जिले के जूनियां गांव के जयपुर रोड स्थित आनन्दपुरा कॉलोनी निवासी मुश्ताक (25) पुत्र जब्बार टैक्सी चालक था। लॉकडाउन घोषित होने के 10 दिन बाद वह अपने घर आया था। प्रशासन को इसका पता चला तो मुश्ताक को 5 अप्रेल को होम आइसोलेट पर रख उसके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया।
उसने चार दिन तो घर पर निकाल दिए, लेकिन पांचवें दिन दुनिया को अलविदा कर गया। प्रशासन का कहना है कि युवक कोरोना पीडि़त नहीं था। इसलिए चिंता की बात नहीं है। इसीलिए उसके अंतिम संस्कार में परिजन को शामिल होने की अनुमति दी गई। परिजन को होम आइसोलेट में रखने की आवश्यकता भी नहीं है।
कहीं पारिवारिक तनाव तो नहीं

जानकारों का कहना है कि मुश्ताक के पास कोई स्थाई रोजगार नहीं था। आर्थिक तंगी के चलते वह परेशान भी रहता था। फिर लॉकडाउन में बेरोजगार भी हो गया। मृतक की पत्नी से उसका तलाक हो चुका है। ऐसे में वह अकेला हो गया। पिता कपड़ों की सिलाई करता है तो मां मजदूरी। मुश्ताक अपने पिता का इकलौता बेटा था। उसकेतीन बहनें हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पारिवारिक तनाव के चलते उसने आत्महत्या की होगी। वैसे पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गाइड लाइन की पालना

सीएमएचओ डॉ. के. के. सोनी के अनुसार मृतक युवक में कोरोना के लक्षण नहीं थे। उसकी रोजाना चिकित्सा जांच हो रही थी। हमने तो उसके दौसा से आने पर गाइड लाइन के अनुसार 14 दिन के होम आइसोलेट/क्वारेंटाइन पर रखा था। उसके आत्महत्या करने की वजह क्या रही। यह पुलिस जांच का विषय है।
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