…इसलिए चिंता की बात नहीं अजमेर जिले के जूनियां गांव के जयपुर रोड स्थित आनन्दपुरा कॉलोनी निवासी मुश्ताक (25) पुत्र जब्बार टैक्सी चालक था। लॉकडाउन घोषित होने के 10 दिन बाद वह अपने घर आया था। प्रशासन को इसका पता चला तो मुश्ताक को 5 अप्रेल को होम आइसोलेट पर रख उसके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया।
उसने चार दिन तो घर पर निकाल दिए, लेकिन पांचवें दिन दुनिया को अलविदा कर गया। प्रशासन का कहना है कि युवक कोरोना पीडि़त नहीं था। इसलिए चिंता की बात नहीं है। इसीलिए उसके अंतिम संस्कार में परिजन को शामिल होने की अनुमति दी गई। परिजन को होम आइसोलेट में रखने की आवश्यकता भी नहीं है।
कहीं पारिवारिक तनाव तो नहीं जानकारों का कहना है कि मुश्ताक के पास कोई स्थाई रोजगार नहीं था। आर्थिक तंगी के चलते वह परेशान भी रहता था। फिर लॉकडाउन में बेरोजगार भी हो गया। मृतक की पत्नी से उसका तलाक हो चुका है। ऐसे में वह अकेला हो गया। पिता कपड़ों की सिलाई करता है तो मां मजदूरी। मुश्ताक अपने पिता का इकलौता बेटा था। उसकेतीन बहनें हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पारिवारिक तनाव के चलते उसने आत्महत्या की होगी। वैसे पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गाइड लाइन की पालना सीएमएचओ डॉ. के. के. सोनी के अनुसार मृतक युवक में कोरोना के लक्षण नहीं थे। उसकी रोजाना चिकित्सा जांच हो रही थी। हमने तो उसके दौसा से आने पर गाइड लाइन के अनुसार 14 दिन के होम आइसोलेट/क्वारेंटाइन पर रखा था। उसके आत्महत्या करने की वजह क्या रही। यह पुलिस जांच का विषय है।