मृतक का कसूर इतना था कि उसने राह चलती युवतियों से छेड़छाड़ का विरोध किया था। यह बात आरोपी युवकों को नागवार गुजरी। आरोपियों ने पहले रास्ते में पीटा। फिर घर जाकर भी उसकी धुनाई कर दी। सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट के चलते उसकी जान निकल गई।
लात-घूसों से मारपीट आरोप है कि एक दर्जन से अधिक युवकों ने बुधवार रात लात-घूसों से मारपीट की। मृतक इंदिरा कॉलोनी निवासी मूलाराम भांबी (42) की पत्नी ज्याणा देवी ने चार नामजद सहित दस अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। नामजद चारों आरोपित भाई हैं। गुरुवार को सहायक पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया, कोतवाल सुभाष चंद्र कच्छावा व एसआई सुरेन्द्र सिंह राणा ने मौका मुआयना किया। पुलिस ने राजकीय डीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन के सुपुर्द कर दिया।
युवक उससे रंजिश रखने लगे पुलिस को रिपोर्ट में बताया कि आरोपी मनीष वाल्मीकि, बलराम वाल्मीकि, सज्जन वाल्मीकि, अजय वाल्मीकि चारों भाई हैं जो कि युवतियों पर छींटाकशी करते रहते हैं। मूलाराम भांबी आरोपित युवकों को ऐसा करने से टोका करता था। इस बात को लेकर युवक उससे रंजिश रखने लगे थे।
खेत से लौटते समय की पिटाई मृतक की पत्नी ने बताया कि पति मूलाराम बुधवार रात खेत से घर लौट रहा था। इस दौरान आरोपितों ने उसके साथ मारपीट की। शोरशराबा सुनकर वहां से गुजर रहे लोगों ने समझाइश कर मामला शांत करा दिया। इसी दिन रात को चारों नामजद भाई अपने साथियों के साथ घर पहुंचे और मारपीट की। इससे घायल मूलाराम ने दम तोड़ दिया।
छह बच्चों का पिता, सात बहनों का इकलौता भाई मृतक मूलाराम के छह बच्चे हैं वहीं मृतक सात बहनों का इकलौता भाई भी था। पिता की मृत्यु के बाद पूरे परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसी पर थी। मूलाराम के दम तोडऩे के बाद इस परिवार पर दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा है।
हत्या कर शव फैंका सरदारशहर. पहले एक शख्स का अपहरण किया। उसके बाद आरोपियों ने हत्या कर शव जोहड़ में फैंक दिया। परिजन तलाश करते हुए जोहड़ पर पहुंचे। पुलिस थाने में तीन नामजद व 5-6 अन्य के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने का मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस के अनुसार बीकानेर जिले के गारबदेसर निवासी हस्ताराम साटिया ने रिपोर्ट दी कि मंगलवार शाम उसके चाचा भंवरलाल, बुद्धाराम, संजय मजदूरी करने के लिए गारबदेसर से घड़सीसर आए थे। यहां पर जोहड़ किनारे बुधवार रात 1 बजे चन्दुराम भाट, श्रवण भाट व 5-6 अन्य हथियारों से लैस होकर आए। जीप में चाचा भंवरलाल का अपहरण कर जीप में डालकर ले गए। बाद में उसकी हत्या कर दी।