5585 बच्चे कभी स्कूल ही नहीं गए सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक पूरे प्रदेश में 5585 ऐसे बच्चे मिले हैं, जो कभी स्कूल गए ही नहीं। बीकानेर जिले में 1225 ऐसे सर्वाधिक बच्चे मिले हैं। इनमें 635 बालक और 590 बालिकाएं शामिल हैं। भीलवाड़ा में 597, कोटा जिले में 501, उदयपुर में 450 ऐसे बच्चे मिले हैं। चूरू जिले में ऐसी संख्या शून्य सामने आई हैं।
धौलपुर में मिले 240 बच्चे कभी नहीं गए स्कूल धौलपुर जिले में 13 जुलाई तक की रिपोर्ट के मुताबिक प्रथम चरण के प्रवेशोत्सव में 240 ऐसे बच्चे पाए गए जो कभी स्कूल गए ही नहीं हैं। इनमें 113 बालक और 117 बालिकाएं हैं। कभी स्कूल नहीं जाने वालों में बालक-बालिकाओं की संख्या लगभग समान ही है। अब इन्हें शिक्षा से जोडऩे के प्रयास शुरू हो गए हैं।
19 बच्चे ड्रॉपआउट मिले जिले में 19 बच्चे ऐसे मिले हैं जो स्कूल तो गए हैं लेकिन, विभिन्न कारणों से उन्हें पढ़ाई छोडऩी पड़ी। इनमें 9 बालक और 10 बालिकाएं हैं। इन्हें भी शिक्षा से जोडऩे की कवायद शुरू हो गई है।
दो चरणों में अभियान शिक्षा विभाग की ओर से प्रवेशोत्सव अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है। पहला 30 जून तक चलाया गया। इस दौरान अध्यापकों की ओर से हाउसहोल्ड सर्वे के साथ ही बच्चों को चिह्नीकरण किया गया। इसके साथ ही 1 से 16 जुलाई तक नामांकन अभियान चलाया गया। अभियान का दूसरा चरण 24 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। इसमें शेष रहे बच्चों के लिए चिह्नीकरण के लिए फिर से हाउसहोल्ड सर्वे किया जाएगा। इसके बाद 1 से 16 अगस्त तक नामांकन अभियान चलाया जाएगा।
यह है उद्देश्य प्रवेशोत्सव अभियान का उद्देश्य यह है कि आंगनबाड़ी व स्कूल जाने योग्य कोई भी बालक-बालिकाएं अनामांकित नहीं रहे। इसके लिए ही विद्यालय स्तर पर 3 से 18 वर्ष के समस्त बच्चों का रिकॉर्ड संधारित किया जा सके। इसके साथ ही अभियान के दौरान शत-प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं शून्य ड्रॉप आउट वाली ग्राम पंचायतों को उजियारी पंचायत से सम्मानित किया जाएगा।
इनका कहना है जिले में शिक्षा से वंचित हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रयास जारी हैं। कुछ ड्रॉपआउट्स व कभी स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे मिले हैं। इन्हें शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
- मुकेश गर्ग, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, धौलपुर