पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि सर्राफा व्यवसायी पदमचन्द जैन के बेटे की कपड़े की दुकान है। यहां लूट का मुख्य आरोपी अर्पित उर्फ गुन्नू काम करता था। कपड़े की दुकान पर पदमचन्द की आवाजाही के साथ उसके थैले में मौजूद ज्वैलरी की अर्पित को जानकारी थी। उसको पदमचन्द के अजमेर से किशनगढ़ आने-जाने का भी अच्छे से पता रहता था।
लत ने बनाया लुटेरा
लत ने बनाया लुटेरा
पुलिस पड़ताल में आया कि गोविन्द सिंह, हेमन्त और अर्पित को महंगे नशे की लत है। उन्होंने महंगे नशे की लत को पूरी करने के लिए पदमचन्द जैन को शिकार बनाने का षडय़ंत्र रचा। अर्पित ने वारदात अंजाम देने के लिए रैकी करना शुरू कर दिया।
बस के सफर से बिगड़ा खेल
बस के सफर से बिगड़ा खेल
पुलिस पड़ताल में आया कि मौसम खराब होने के चलते पदमचन्द जैन ६ जनवरी से बस में सफर करने लगा। जबकि आरोपियों ने वारदात की पूरी तैयारी कर रखी थी। चार दिन लगातार रैकी के बाद १० जनवरी को पदमचन्द जैन के बाइक पर अजमेर जाने की सूचना से उनके मंसूबे पूरे होते नजर आए। गोविन्द सिंह साथी अर्पित की सूचना पर दोनों साथियों को लेकर पहले ही अग्रसेन विहार पहुंच गया। फिर जैन का पीछा करते हुए आए। यहां पहले से बालअपचारी इंतजार में था।
पुलिस को किया गुमराह
पुलिस को किया गुमराह
पदनचन्द जैन के पीछे बाइक पर दो युवक रैकी करते नजर आए जबकि तीसरा साथी पहले से खड़ा हो गया। वारदात के वक्त वह पैदल आया और बैग छीनकर भाग गया। सीसीटीवी फुटेज में किशोर बैग छीनकर भागता नजर आया। लेकिन आरोपियों का खेल पुलिस को समझने मे ज्यादा समय नहीं लगा।