पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि ब्यावर सदर थाना पुलिस की पड़ताल के दौरान जब आरोपी महेंद्र की प्रेमिका मृतका कलावती के देवर राजू का नाम सामने आया तो महेन्द्र ने कबूल किया कि दो साल पहले उसने राजू की भी हत्या कर दी थी। लेकिन वारदात की किसी को कानोकान भनक तक नहीं लगी। हत्या का राज कलावती और उसके दिल में दो साल से दफन था लेकिन कलावती और उसके बेटे अमन की हत्या के बाद इस राज से पर्दा उठा है।
राजू को यूं लगाया ठिकाने एसपी राष्ट्रदीप ने बताया कि ब्यावर सीओ हीरालाल सैनी, सदर थानाप्रभारी सुरेन्द्रसिंह जोधा ने डबल मर्डर मिस्ट्री की प्रत्येक पहलू पर पड़ताल की तो सामने आया कि कलावती अपने परिवार के साथ तीन साल पहले श्योपुर (मध्यप्रदेश) से जयपुर मजदूरी करने आई थी। यहां पति और सास-ससुर से विवाद पर वह लौट गई और कुछ दिन बाद देवर राजू के साथ लौटी। लेकिन पति से विवाद के बाद वह राजू के साथ मसूदा आ गई। महेन्द्र की पहचान कलावती से जयपुर में ही हो गई थी। महेंद्र ने कलावती तक पहुंचने के लिए राजू से दोस्ती गांठी। किसी को शक ना हो उसके लिए उसने कलावती को धर्म की बहन बना लिया। लेकिन नजदीकी बढऩे पर जब राजू रास्ते का पत्थर बन गया तो उसको रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। महेंद्र राजू को अप्रेल 2018 में पुश्तैनी गांव सारणिया में शराब पार्टी करने ले गया। जंगल में शराब पिलाने के बाद महेंद्र ने राजू की पत्थर से चेहरा कुचल कर निर्ममता से हत्या कर दी। शिनाख्त नहीं होने पर मसूदा थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने मुल्जिम का सुराग नहीं लगा तो प्रकरण में एफआर लगा दी।
जुर्म छुपाने की नाकाम कोशिश
जुर्म छुपाने की नाकाम कोशिश
एसपी राष्ट्रदीप ने बताया कि राजू के परिजन मध्यप्रदेश के रहने वाले थे जिससे शव की पहचान नहीं हो सकी और महेन्द्र काठात का अपराध दब गया। राजू की हत्या का जुर्म दब जाने और कलावती की ओर से शादी का दबाव बनाने पर महेन्द्र ने उसे व उसके पुत्र अमन की हत्या के लिए भी अपने उसी गांव के जंगल को चुना। उसने गत 24 फरवरी को कलावती और अमन का गला रेंतने के बाद पत्थरों से चेहरा कुचल दिया। उसे विश्वास था कि कलावती और अमन के शव की पहचान नहीं होगी तो उसका जुर्म फिर से दबा रह जाएगा।
यूं खुला मामला
महेंद्र सांगानेर की खुली जेल में अपनी दादी चम्पा की हत्या के जुर्म में सजा भुगत रहा था। वह सुबह जेल से मजदूरी पर निकलने के दौरान कलावती और अमन की हत्या की वारदात अंजाम देकर लौट आया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाकर अनसुलझे हत्याकांड में मृतक कलावती और अमन की पहचान पुख्ता करते हुए महेंद्र को खुली जेल से हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
यूं खुला मामला
महेंद्र सांगानेर की खुली जेल में अपनी दादी चम्पा की हत्या के जुर्म में सजा भुगत रहा था। वह सुबह जेल से मजदूरी पर निकलने के दौरान कलावती और अमन की हत्या की वारदात अंजाम देकर लौट आया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाकर अनसुलझे हत्याकांड में मृतक कलावती और अमन की पहचान पुख्ता करते हुए महेंद्र को खुली जेल से हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।