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अजमेर को मिली ये बड़ी सौगात, अब ऋषि दयानंद पर होगा खास रिसर्च

locationअजमेरPublished: Oct 18, 2018 04:03:24 pm

Submitted by:

raktim tiwari

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ugc approved research chair

ugc approved research chair

अजमेर.

यूजीसी ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को ऋषि दयानंद चेयर की मंजूरी प्रदान कर दी है। करीब एक साल से प्रस्ताव अटका हुआ था। हाल में हुई यूजीसी की उच्च स्तरीय बैठक में इसे स्वीकृति दी गई। इससे ना केवल विश्वविद्यालय को प्रोफेसर पद मिलेगा। बल्कि यहां वेदों, ऋषि दयानंद की जीवनी और अन्य विषयों पर शोध-अध्ययन-अध्यापन भी हो सकेगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास, जल संसाधन और गंगा पुनुरुद्धार मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बीते वर्ष ऋषि मेले के दौरान वैदिक पार्क सहित महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर स्थापित करने की घोषणा की थी। जनवरी 2018 में पर्यावरण विभागाध्यक्ष और दयानंद शोध पीठ निदेशक प्रो. प्रवीण माथुर ने यूजीसी को महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर के प्रस्ताव से अवगत कराया। लेकिन यूजीसी ने इसे स्वीकृति नहीं दी। विश्वविद्यालय सहित पत्रिका ने यूजीसी को इस मुद्दे से अवगत कराया।
पांच साल के लिए मिली चेयर
प्रो. माथुर हाल में महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर का प्रस्ताव लेकर यूजीसी गए। इससे संतुष्ट होकर संयुक्त सचिव प्रो. जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय में चेयर स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर किया। त्रिपाठी ने कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चेयर की स्थापना पांच साल के लिए होगी। इसे अधिकतम 2 साल के और बढ़ाया जा सकेगा। विश्वविद्यालय को छह माह के भीतर चेयर के लिए प्रोफेसर की नियुक्ति करनी होगी।
मिलेगा प्रोफेसर पद

विश्वविद्यालय को महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर के लिए प्रोफेसर पद मिलेगा। 55 से 70 साल तक के ख्यातनाम विद्वान (वैदिक अध्ययन के ज्ञाता) को पांच साल के लिए नियुक्ति दी जाएगी। यूजीसी चाहे तो दो साल कार्यकाल बढ़ा सकेगी। विश्वविद्यालय को प्रोफेसर का चयन बाकायदा विज्ञापन के जरिए रिक्ति आमंत्रित, कुलपति द्वारा तीन सदस्यीय चयन समिति के गठन के आधार पर करनी होगी।
यूजीसी यूं करेगा वित्तीय सहायता

-किताबों-जर्नल्स के लिए 1.50 लाख रुपए (पांच साल के लिए) 30 हजार रुपए (अतिरिक्त दो वर्ष के लिए)

-यात्रा भत्ता (स्थानीय-राष्ट्रीय)-1 लाख रुपए प्रतिवर्ष

-सचिवालय सहायता-1.50 लाख रुपए प्रतिवर्ष
-कार्यशाला, सेमिनार, ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम और अन्य कार्य-1 लाख रुपए प्रतिवर्ष

-फील्ड वर्क, डाटा संग्रहण और अन्य कार्य-1.20 लाख रुपए प्रतिवर्ष

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