इससे पहले थेरेसा मे और पीएम मोदी ने भारत-यूके टेक शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय यूनियन छोड़ देने के बाद बदले हुए दौर में दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों की अहमियत पर जोर दिया गया।
साथ ही थेरेसा मे ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध बेहद खास हैं, वहीं पीएम मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों का नया दौर शुरू होगा। इस दौरान पीएम ने कहा कि सोलर एनर्जी पर आधारित क्लीन एनर्जी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना पर दोनों देश राजी हैं।
सीमा पार आतंकवाद पर भी चर्चा साझा बयान जारी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि आतंकवाद एक सीमित सुरक्षा चुनौती नहीं है। यह पूरी मानवता को प्रभावित करता है। हमने पीएम थेरेसा मे को सीमा पार आतंकवाद पर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को मदद पहुंचाने वाले देशों पर सख्त कदम उठाने की जरूरत जताई है।”
पीएम ने साथ ही कहा कि भारतीय रक्षा क्षेत्र में ब्रिटिश कंपनियों को मौके तलाशने के लिए वह प्रोत्साहित करना चाहते हैं। पीएम ने कहा, “रक्षा उपकरणों के व्यापार में मैं ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए मैं न्योता देता हूं।”
11 अहम बातें 1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहीं थेरेसा मे ने कहा कि भारत से आने वाले व्यापारिक यात्रियों को रजिस्टर्ड ट्रैवलर स्कीम के तहत ब्रिटेन जल्दी क्लियरेंस दिलवाएगा।
2. मे ने साथ ही कहा कि वह ब्रिटेन को मुक्त व्यापार का वैश्विक प्रतीक बना देना चाहती हैं, और भारत तथा ब्रिटेन के बीच ज़्यादा निवेश तथा कम व्यापारिक गतिरोधों से समृद्धि बढ़ेगी। भारत और यूके के बीच ‘खास रिश्ता’ है।
3. पीएम मोदी ने कहा कि इंग्लैंड हमारे देश का ‘अच्छा दोस्त’ है, और ‘हमें उम्मीद है कि भारत-यूके द्विपक्षीय संबंधों में ‘मेक इन इंडिया’ एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। 4. पीएम मोदी ने भारत-यूके टेक फोरम में कहा कि यह अहम है कि इतिहास के ज़रिये एक दूसरे से जुड़े रहे भारत और यूके 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए मिलकर काम करें।
5. थेरेसा मे की इस यात्रा का केंद्रबिंदु कारोबारी है। वह मंगलवार को टेक्नोलॉजी हब कहलाने वाले बेंगलुरु शहर जा रही हैं। उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल में तकरीबन 40 कारोबारी दिग्गज हैं। 6. जुलाई में पदभार संभालने के बाद थेरेसा मे की पहली भारत यात्रा है। खास बात यह है कि यूरोप से बाहर उनका यह पहला द्विपक्षीय दौरा है।
7. थेरेसा मे भारत की तीन-दिवसीय यात्रा पर हैं। यूके की जनता ने ब्रेग्जिट (यूरोपियन यूनियन से बाहर) का फैसला किया था। 8. थेरेसा मे ईयू से बाहर अन्य देशों से संबंधों को मजबूत करने के तहत यह दौरा कर रही हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच अभी 10 अरब डॉलर का सालाना द्विपक्षीय कारोबार है।
9. ब्रिटेन ईयू से बाहर निकलने तक (यह वर्ष 2019 में होगा) किसी भी द्विपक्षीय समझौते पर दस्तखत नहीं कर सकता है, लेकिन थेरेसा मे की यात्रा को जल्द से जल्द संबंध मजबूत करने की ब्रिटेन की इच्छा का संकेत माना जा रहा है।
10. आईटी प्रोफेशनलों का सवाल है कि ब्रिटेन के साथ व्यापार बेहतर कैसे हो सकता है, जब थेरेसा मे की सरकार ने वीजा और इमिग्रेशन के नए कड़े नियमों के तहत भारतीय प्रोफेशनलों के लिए यूके की यात्रा ही मुश्किल कर दी है।
11. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वीजा नियम और कड़े किए जाएंगे। ऐसे में भारत के साथ मुक्त व्यापार मुश्किल होगा, क्योंकि तब भारत निश्चित रूप से वीजा नियमों को उदार किए जाने की मांग करेगा। वहीं इमिग्रेशन को लेकर नई नीति के चलते भारत से व्यापार करना मुश्किल होगा।