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आवास की अधूरी आस, सिर पर छत को तरसे लाभार्थी

locationअजमेरPublished: Sep 21, 2021 12:12:34 am

Submitted by:

Dilip

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की स्थिति, दस फीसदी लाभार्थियों के सपनों पर दंश
रोटी-कपड़ा और मकान जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। लोग जैसे तैसे रोटी और कपड़ा का जुगाड़ तो कर लेते हैं लेकिन, मकान एक सपना बन कर रह जाता है।

You should also be cautious ... rigging in PM housing scheme

विधायक ने कहा- योजना में गरीबों से पैसे लेने वाले अधिकारियों पर करेंगे सख्त कारवाई

धौलपुर. रोटी-कपड़ा और मकान जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। लोग जैसे तैसे रोटी और कपड़ा का जुगाड़ तो कर लेते हैं लेकिन, मकान एक सपना बन कर रह जाता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लोगों के मकान का सपना काफी हद तक सच हो रहा है लेकिन, जिले में योजना के तहत स्वीकृत हुए आवासों में से दस प्रतिशत लाभार्थी ऐसे हैं, जिनका सपना अब भी अधूरा है। इनमें सबसे अधिक बसेड़ी तथा बाड़ी ब्लॉक के आवास शामिल हैं। जबकि तीन अन्य ब्लॉक में दहाई के नीचे आवास ऐसे हैं, जो अधूरे हैं।जिले में वर्ष 2016-17 से लेकर 20-21 तक 8&44 आवासों का लक्ष्य मिला। इसके तहत विकास अधिकारियों की ओर से वरीयता के अनुसार स्वीकृतियां जारी की गईं। हालांकि, कई लाभार्थी ऐसे हैं, जिनको पांच साल गुजरने के बाद भी आवास नहीं मिल पाया है। हालांकि, पंचायत प्रशासन ने 90.90 प्रतिशत आवास पूर्ण कर लिए हैं। वहीं, अधूरे आवासों की अभी तीसरी किस्त स्वीकृत नहीं हो पाई है।
759 आवास अधूरे
जिले में 20 सितम्बर 21 तक 759 आवास अपूर्ण चल रहे हैं। वहीं, नए आवेदनों को लेकर अभी सरकार की ओर से कोई लक्ष्य नहीं मिलने के कारण जरूरतमंद स्वीकृति की बाट जोह रहे हैं। पंचायत समितियों में नए आवेदन लेकर ऑनलाइन भी किए हुए हैं। साथ ही सर्वे भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की ओर हर परिवार को आवास उपलब्ध कराने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत पहली बार वर्ष 2016-17 में लक्ष्य आवंटित किए गए, लेकिन राशि इसके बाद आई। अब नए लक्ष्य नहीं आने के कारण नए आवेदकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे हजारों की संख्या में आवेदन लम्बित पड़े हुए हैं।
यह है कारण
अधिकारियों के अनुसार आवास अधूरे होने का प्रमुख कारण कई लाभार्थियों का क्षेत्र से पलायन करना भी है। वहीं, कई लाभार्थियों की मृत्यु हो गई है। इस कारण उनके आवास अधूरे हैं। इन मामलों को पंचायत समितियों ने राÓय सरकार को भेज रखा है। वहीं डेढ़ साल तक कोरोना काल में भी आवासों की ओर अधिकारियों उदासीनता बनी रही।
यूं मिलता है लाभ
वर्ष 2011 जनगणना के मुताबिक लाभार्थियों का चयन किया गया। इसमें कुल 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि दी जाती है। इसमें शौचालय की राशि 12 हजार रुपए शामिल हैं। वहीं 90 दिन की नरेगा के अनुसार राशि दी जाती है। इसके अलावा प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है।
ब्लॉकवार अधूरे आवासों की स्थिति

ब्लॉक लक्ष्य अधूरेसैंपऊ 717 &धौलपुर 742 4बसेड़ी &425 &92बाड़ी 2951 &5&राजाखेड़ा 509 7कुल 8&44 759
इनका कहना है

जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 90ण्90 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। अभी नए लक्ष्य नहीं आए हैं। शेष आवासों को भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। पुराने हार्डकेस मामलों को स्टेट को भेजा हुआ है। इनमें से कई की मृत्यु हो गई है तो कई पलायन कर चुके हैं।. चेतन चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, धौलपुर।

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