तिथि-वार और नक्षत्रों का शुभ संयोग ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावस्या का प्रवेश सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा और सूर्योदय के समय बुधादित्य योग इस दिन की शुभता में वृद्धिदायक रहेंगे। शनि, खुद की ही राशि कुंभ में है और बृहस्पति भी अपनी ही राशि में रहेगा। इन दोनों ग्रहों का स्वराशि में होना शुभ प्रभाव को और बढ़ाएगा। साथ ही सुकर्मा, वर्धमान और केदार योग में आने वाला ये पर्व और भी खास हो जाएगा। सोमवार होने से इस दिन सोमवती अमावस्या का शुभ योग भी रहेगा।
जरूरतमंद लोगों की मदद का दिन ज्येष्ठ अमावस्या को शनिदेव का प्रकटोत्सव है। ये न्याय के अधिपति देव हैं। शनि से जुड़े दोषों से राहत पाने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या बहुत ही खास दिन होता है। शनि देव अच्छे कर्म करने वालों से प्रसन्न रहते हैं। इनकी कृपा पाने का एक सहज उपाय ये है कि बूढ़े, रोगी, दिव्यांग और असहाय लोगों की मदद करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। सोमवार को नर्सरी स्थित शनि मंदिर में विशेष आयोजन किया जाएगा।
सुहागिनों का पर्व है वट सावित्री वट सावित्री अमावस्या सुहागिनों के लिए खास दिन होता है। इसी दिन सावित्री ने इसी पूजा से यमदेव को प्रसन्न कर पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए अमावस्या पर महिलाएं बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसके तने पर कच्चा धागा लपेटती हैं। फिर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इसके बाद सौभाग्य और समृद्धि की कामना से पेड़ की परिक्रमा करती हैं।