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Ajmer Crime-वाहन चोर गिरोह का गुर्गा गिरफ्तार, 9 बाइक बरामद

locationअजमेरPublished: Aug 06, 2019 01:36:18 am

Submitted by:

manish Singh

अलवर गेट थाना पुलिस ने दुपहिया वाहन चोर गिरोह के एक गुर्गे को गिरफ्तार कर चोरी की 9 बाइक, 2 चैचिस व पाट्र्स बरामद किए। अब तक 31 वाहन बरामद-

Vehicle theft gang arrested

Vehicle theft gang arrested in ajmer alwarget thana

अजमेर. अलवर गेट थाना पुलिस ने दुपहिया वाहन चोर गिरोह के एक गुर्गे को गिरफ्तार कर चोरी की 9 बाइक, 2 चैचिस व पाट्र्स बरामद किए हंै। पुलिस को गिरोह से जिले की बाइक चोरी की कई वारदातें खुलने की उम्मीद है।
सहायक पुलिस अधीक्षक(दक्षिण) हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि अलवर गेट थाना पुलिस की कार्रवाई में पहले पकड़े गए वाहन चोर और उनके साथियों ने पूछताछ में आदर्शनगर थाना क्षेत्र के बड़लिया निवासी हिम्मतसिंह रावत को गिरफ्तार किया। हिम्मतसिंह और उसके साथियों की निशानदेही पर पुलिस ने चोरी की 9 बाइक, दो बाइक चेसिस व पाट्र्स बरामद किए हंै। गिरोह गेगल थाना क्षेत्र गुढ़ा और बड़लिया में गैराज की आड़ में चोरी के दुपहिया वाहन के पाट्र्स खोलकर बेचने, चेसिस नम्बर, रजिस्ट्रेशन नम्बर बदल कर बेचने का काम करते थे। पुलिस ने 2 अगस्त को हिम्मत के साथी बड़लिया बावड़ी मोहल्ला निवासी महावीरसिंह रावत, गुढ़ा निवासी कालूसिंह रावत व ज्ञानसिंह रावत को गिरफ्तार किया था।
अब तक 31 बाइक बरामद

अलवर गेट थाना पुलिस गिरोह से अब तक 31 बाइक और भारी मात्रा में कलपुर्जे बरामद कर चुकी है। गिरोह ने अजमेर और आसपास के क्षेत्र में एक सौ से ज्यादा बाइक चुराना कबूला है। पुलिस चोरी के वाहनों की तदस्दीक में जुटी है।
बिट व ग्राइंडर किया बरामद

एएसपी अग्रवाल ने बताया कि महावीरसिंह रावत, कालूसिंह रावत व ज्ञानसिंह रावत को पुलिस ने अदालत में पेशकर तीन दिन के रिमांड पर लिया। रिमांड अवधि में पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर ग्राइण्डर, अंक गोदने के लिए 37 बिट व नाम लिखने की मशीन, 5 मोटरसाइकिल, 2 मोटर साइकिल के चेचिस व एक स्कूटी, एक एम-80 मोपेड बरामद की गई।
सस्ते दाम में बेचते है बाइक

पुलिस पड़ताल में सामने आया कि गिरोह चोरी की बाइक को पहले तो सस्ते दाम में ही बेचने का प्रयास करते है। चोरी की अधिकांश बाइक ग्रामीण इलाके में बिना दस्तावेज के सस्ते में दाम में बिक जाती है। जो बाइक नहीं बिकती है उसके पाट्र्स खोलकर बेच दिया जाता है। इसके बाद नहीं बिकने पर ईंजन और चेसिस नम्बर बदलने के बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया जाता है।
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