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अजमेर को चुकानी पड़ेगी उपचुनाव की भारी कीमत, यूं करना पड़ सकता है लम्बा इंतजार

इस बार भी ऐसा नहीं हुआ तो सर्च कमेटी की बैठक तीसरी बार होगी। दस साल बाद ऐसी स्थिति बनी है।

अजमेरFeb 15, 2018 / 04:07 pm

raktim tiwari

vice chancellor post vacant

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महर्षि दयानंद अजमेर . शायद सरकार और राजभवन अजमेर के महर्षि सरस्वती विश्वविद्यालय को भूल गए हैं। यहां सात महीने से ना स्थाई कुलपति और ना स्थाई कुलसचिव है। कार्यवाहक व्यवस्था से कामकाज प्रभावित हो रहा है। इससे वाकिफ होने के बावजूद कुलपति नियुक्ति का अता-पता नहीं है
विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति पद के लिए दूसरी बार पैनल बनाया गया है। कुलपति सर्च कमेटी पांच नाम का पैनल राजभवन और सरकार को सौंप चुकी है। इनमें प्रो. विजय श्रीमाली, प्रो. साधना कोठारी, प्रो. ईश्वर सरन, प्रो. आर. के. मित्तल और प्रो. आर. वी. सिंह के नाम शामिल किए गए हैं।
सर्च कमेटी में एस. एस. कुलश्रेष्ठ, प्रो. आर. पी. सिंह, प्रो. बी. एल. शर्मा और प्रो. बी. आर. छीपा शामिल थे। पिछली बार पैनल को लेकर सरकार और राजभवन एकराय नहीं हुए थे। इस बार भी ऐसा नहीं हुआ तो सर्च कमेटी की बैठक तीसरी बार होगी। दस साल बाद कुलपति की नियुक्ति में ऐसी स्थिति बनी है।
अब तो चुनाव भी बीते
बीते जनवरी में दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव हुए। इसके चलते सरकार काफी व्यस्त रही। चुनाव के बाद आधी फरवरी बीत चुकी है। फिर भी स्थाई कुलपति को लेकर सरकार और राजभवन कोई नाम तय नहीं कर पाए हैं। मालूम हो कि बीते साल राज्यपाल कल्याण सिंह कुछ मुद्दों को लेकर सरकार से नाराज थे। वे तीन विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में भी नहीं गए थे।
..तो अगली सरकार का इंतजार
राज्य में नवम्बर-दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अक्टूबर अंत तक आचार संहिता लग जाएगी। इस लिहाज से कुलपति की नियुक्ति जुलाई-अगस्त तक करनी जरूरी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो अगली सरकार ही कुलपति नियुक्त करेगी।
दिखने लगा कामकाज पर असर
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह 19 जुलाई से कार्यवाहक जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। व्यस्तता के चलते वे मदस विश्वविद्यालय को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे। स्थाई कुलपति के अभाव में कामकाज पर असर दिखने लगा है। यहां एक साल स्थाई कुलसचिव भी नहीं है।

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