बीते जनवरी में दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव हुए। इसके चलते सरकार काफी व्यस्त रही। चुनाव के बाद आधी फरवरी बीत चुकी है। फिर भी स्थाई कुलपति को लेकर सरकार और राजभवन कोई नाम तय नहीं कर पाए हैं। मालूम हो कि बीते साल राज्यपाल कल्याण सिंह कुछ मुद्दों को लेकर सरकार से नाराज थे। वे तीन विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में भी नहीं गए थे।
राज्य में नवम्बर-दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अक्टूबर अंत तक आचार संहिता लग जाएगी। इस लिहाज से कुलपति की नियुक्ति जुलाई-अगस्त तक करनी जरूरी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो अगली सरकार ही कुलपति नियुक्त करेगी।
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह 19 जुलाई से कार्यवाहक जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। व्यस्तता के चलते वे मदस विश्वविद्यालय को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे। स्थाई कुलपति के अभाव में कामकाज पर असर दिखने लगा है। यहां एक साल स्थाई कुलसचिव भी नहीं है।