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बड़ा सवाल..वाइस चांसलर के हाथ से फिसले चार महीने, यह है इसकी खास वजह

locationअजमेरPublished: Mar 02, 2019 06:25:13 am

Submitted by:

raktim tiwari

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vice chancellor in mdsu

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अजमेर. हाईकोर्ट की रोक के चलते महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति का चार माह का कार्यकाल खराब हो गया है। यह बकाया कार्यकाल में जुड़ेंगे या नहीं इसको लेकर भी अदालत, राजभवन और सरकार को फैसला लेना पड़ सकता है।
लक्ष्मीनारायण बैरवा ने राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका (14914/2018) दायर की थी। इसके आधार पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज करने पर रोक लगा दी। इसके बाद न्यायालय ने रोक 1,16, 28 नवंबर, 3 दिसंबर और 11 एवं 29 जनवरी, फरवरी के तीसरे सप्ताह सहित 25, 27 फरवरी और 6 मार्च तक बढ़ाई है।
तीन साल के लिए हुई नियुक्ति

वर्ष के लिए की गई राज्यपाल कल्याण सिंह ने बीते वर्ष 5 अक्टूबर को प्रो. आर. पी. सिंह को कुलपति नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है। हाईकोर्ट के कामकाज पर रोक लगाने से कुलपति के कार्यकाल के चार महीने खराब हो चुके हैं। इस लिहाज से उनके तीन वर्षीयकार्यकाल (36 माह) में से 32 माह ही शेष रहे हैं।
कार्यकाल में जुड़ेंगे या नहीं…
खराब हुए चार महीने को तीन साल के कार्यकाल में जोड़ा जाए या नहीं इसको लेकर भी पेंच फंस सकता है। राजभवन, सरकार और हाईकोर्ट को विश्वविद्यालय के एक्ट, नियुक्ति नियम और अन्य का अध्ययन करना पड़ सकता है। उधर कुलपति भी विधिक राय लेने में जुटे हैं।
आयोग, विश्वविद्यालय अथवा इनके समक्ष संगठनों में उच्च पदस्थ अधिकारियों की निर्धारित अवधि के लिए नियुक्ति होती है। उसके अनुरूप ही वे कार्य करते हैं। किन्हीं कारणों से कार्यकाल खराब हुआ तो संबंधित व्यक्ति न्यायालय में याचिका लगा सकता है। डॉ. आर.एन. चौधरी, रीडर विधि शिक्षा
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