Golden Jubilee Anniversary : नन्हे-मुन्हें बच्चों के शानदार प्रदर्शन पर झूम उठे दर्शक ……
1971 के युद्ध में चीफ एम (ई) जगदीश सिंह सिकरवाल हैड ऑफ दी एम (ई) डिपार्टमेंट आई.एन.एस रणजीत डिस्ट्रोयर पर तैनात थे। भारत -पाक युद्ध 1971 के दौरान रियर एडमिरल आर.के.एस. गांधी वैस्टर्न नेवल फिलीट के कमांडिंग-इन-चीफ ने आई .एन.एस. मेसौर वारशिप कुरूजर से हैलीकॉप्टर द्वारा नीले रंग के मेल बैग में युद्ध आदेश आई.एन.एस रणजीत हिस्ट्रोयर के कमांडिंग अफसर कमांडर आर.एन. सिंह को भेजा। रात्रि 11 बजकर 56 मिनट पर ‘बोम्बई करांची मिशन ’ में चीफ एम (ई) जगदीश सिंह सिकरवाल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर ‘मदरशिप मिसाइल बोट्स ’ आई.एन.एस रणजीत हिस्ट्रोयर ने पाकिस्तान के शक्तिशाली युद्धपोत ‘शाहजहां’ एवं ‘खैबर’की अरब सागर में हमेशा के लिए समाधी बना दी।
इस वीरतापर्ण कार्य करने के लिए जगदीश सिंह सिकरवाल को ‘मेन्शन-इन-डिस्पेच ’ वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया । जो भारत के राज पत्र 01 जुलाई 1972 में प्रकाशित है।