scriptविजय दिवस विशेष : 1971 के भारत-पाक युद्ध में अजमेर के सिकरवाल ने भी दिखाया था अदम्य साहस | Vijay Diwas Special: Sikarwal of Ajmer showed bravery in 1971 war | Patrika News

विजय दिवस विशेष : 1971 के भारत-पाक युद्ध में अजमेर के सिकरवाल ने भी दिखाया था अदम्य साहस

locationअजमेरPublished: Dec 16, 2019 05:10:41 pm

Submitted by:

Preeti

16 दिसम्बर 1971 के युद्ध में अजमेर के हिस्से में भी आता है विजेता का श्रेय।
स्मार्ट सिटी अजमेर निवासी जगदीश सिंह सिकरवाल को मिला था ‘मेन्शन-इन-डिस्पेच ’ वीरता पुरस्कार ।

विजय दिवस विशेष: 1971 के भारत-पाक युद्ध में अजमेर के सिकरवाल ने भी दिखाई थी वीरता

विजय दिवस विशेष: 1971 के भारत-पाक युद्ध में अजमेर के सिकरवाल ने भी दिखाई थी वीरता

अजमेर. अजमेर के वीर सेनानी जगदीश सिंह सिकरवाल ने भी 1971 के युद्ध (1971 war) में शिरकत कर अपने अदम्य साहस के लिए वीरता पुरस्कार प्राप्त कर अजमेर वासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। सेवानिवृत अफसर सिकरवाल के दिमाग में 1971 के युद्ध की रोमांचक यादें (memories) आज भी ताजा हैं। वे मताते हैं कि इस युद्ध में लगभग 4 हजार भारतीय आर्मड फोर्सेस के लोग शहीद हुए और 10 हजार घायल हुए जिनमें से बहुत लोग हमेशा के लिए अपंग हो गए।
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1971 के युद्ध में चीफ एम (ई) जगदीश सिंह सिकरवाल हैड ऑफ दी एम (ई) डिपार्टमेंट आई.एन.एस रणजीत डिस्ट्रोयर पर तैनात थे। भारत -पाक युद्ध 1971 के दौरान रियर एडमिरल आर.के.एस. गांधी वैस्टर्न नेवल फिलीट के कमांडिंग-इन-चीफ ने आई .एन.एस. मेसौर वारशिप कुरूजर से हैलीकॉप्टर द्वारा नीले रंग के मेल बैग में युद्ध आदेश आई.एन.एस रणजीत हिस्ट्रोयर के कमांडिंग अफसर कमांडर आर.एन. सिंह को भेजा। रात्रि 11 बजकर 56 मिनट पर ‘बोम्बई करांची मिशन ’ में चीफ एम (ई) जगदीश सिंह सिकरवाल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर ‘मदरशिप मिसाइल बोट्स ’ आई.एन.एस रणजीत हिस्ट्रोयर ने पाकिस्तान के शक्तिशाली युद्धपोत ‘शाहजहां’ एवं ‘खैबर’की अरब सागर में हमेशा के लिए समाधी बना दी।
इस वीरतापर्ण कार्य करने के लिए जगदीश सिंह सिकरवाल को ‘मेन्शन-इन-डिस्पेच ’ वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया । जो भारत के राज पत्र 01 जुलाई 1972 में प्रकाशित है।
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