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ठोस एंव तरल कचरा प्रबन्धन से गावों को बनाया जाएगा ओडीएफ प्लस

locationअजमेरPublished: Feb 20, 2021 08:47:47 pm

Submitted by:

bhupendra singh

राज्य के 8653 गावों के लिए डीपीआर हो रही तैयारप्रत्येक ब्लॉक के 35 ओडीएफ गांव चिन्हित
स्वच्छ भारत मिशनजिला परिषद

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अजमेर. स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) के तहत खुल में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुके 8 हजार 653 गावों Villages में अब ठोस एंव तरल कचरा प्रबन्धनsolid and liquid waste management कर इन्हें ओडीएफ प्लस ODF plu बनाया जाएगा। ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज विभाग के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) निदेशालय ने सभी जिला कलक्टरों व जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इसके लिए डीपीआ तैयार करने के निर्देश दिए है। इस माह के अंत तक जिले के प्रत्येक ब्लॉक के 35 ग्रामों में विलेज सेनेटेशन मैप एवं डीआर तैयार करते हुए ओडीएफ प्लस ग्रामों के रूप में विकसित करते हुए प्रत्येक ग्राम सभा में जिला परिषद सीईओ को भ्रमण करना होगा। ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) के प्रथम चरण में शौचालयों का निर्माण कर खुले में शौच मुक्त करने की स्थिति को वर्ष 2018 में ही प्राप्त कर लिया गया था। मिशन के द्वितीय चरण में खुले में शौच मुक्त स्थिति निरंतरता बनाए रखते हुए गावों में सम्पूर्ण स्वच्छता स्थापित करने के लिए ठोस एंव तरल कचरा प्रबन्धन क्रियान्वनयन एंव ग्राम परिक्षेत्र का स्वच्छ दृश्य सुनियोजित कर गावों को ओडीएफ प्लस ग्राम के रूप में विकसित किया जाना है।
दिया जा चुका है प्रशिक्षण

ओडीएफ प्लस की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार करने के लिए प्रत्येक जिले की महात्मा गांधी आदर्श ग्राम पंचायत से सम्बन्धित सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी तथा कनिष्ठ अभियंता/ कनिष्ठ तकनीकी सहायक को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसलिए डीपीआर जल्द भिजवाई जाए।
ग्रामीण सहभागी नियोजनगांव में उपलब्ध ठोस एवं तरल कचरे के आंकलन के लिए ग्रामीण, सहभागी नियोजन पद्धति का उपयोग किया जाए। ग्रामीणों के सहयोग से सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी कार्मि, संदर्भ व्यक्ति एंव स्वच्छाग्राही के जरिए यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। घरेलू स्तर पर एकत्रित होने वाले कचरे का आंकलन एवं रसोईघर व स्नानघर से निकलने वाले धूसर जल तथा सेप्टिक टैंक से निकलने वाले काला जल की मात्रा का आंकना करना होगा। मवेशियों की संख्या , कचरे की मात्रा, प्रकार, एकत्रित होने वाली जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। कचरे के पृथक्कीरण, संग्रहण, परिवहन, उपचार एवं पुनरूपयोग के लिए जन-जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण , संवाद आदि का आयोजन किया जाएगा।
गंदे पानी का होगा निस्तारण

घर के गंदे पानी का निस्तारण घर में ही सोख्ता गड्ढे का निर्माण कर किया जाएगा। घर में जमीन नहीं होने पर सार्वजनिक सोख्ता गड्ढे का निर्माण किया जाएगा। सेप्टिक टैंक से निकलने वाला काला पानी जो सीधे नालियों में प्रवाहित किया जाता है उसके लिए अलग सोख्ता गड्ढे का निर्माण किया जाएगा। ग्राम स्वच्छता मानत्रित भी तैयार किया जाएगा।
कचरे को दी जाएगी कोडिंग

ठोस कचरा प्रबन्धन

चिन्हित गांव में चयनित तकनीक को गांव के गूगल मैप पर अलग-अलग कलर कोड के माध्यम से दर्शाया जाएगा। इसमें व्यक्तिगत कम्पोस्टपिट को हरा वर्गाकार, सार्वजनिक कम्पोस्ट पिट पीला वर्गाकार, कम्पोस्ट इकाई कम आआरसी को लाल त्रिभुज कोड दिया गया है।
तरल कचरा प्रबन्धन

व्यक्तिगत सोख्ता गड्ढा / लीज सोक पिट/ मैजिक सोक पिट को हरा गोल , सार्वजनिक सोख्ता गड्ढा पीला गोल, नाली (मरम्मत) को नीली रेखा, नाली (नवीन) को नारंगी रेखा, स्थिरीकरण तालाब को नीला आयताकार कोड दिया गया है।
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