दिया जा चुका है प्रशिक्षण ओडीएफ प्लस की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार करने के लिए प्रत्येक जिले की महात्मा गांधी आदर्श ग्राम पंचायत से सम्बन्धित सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी तथा कनिष्ठ अभियंता/ कनिष्ठ तकनीकी सहायक को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसलिए डीपीआर जल्द भिजवाई जाए।
ग्रामीण सहभागी नियोजनगांव में उपलब्ध ठोस एवं तरल कचरे के आंकलन के लिए ग्रामीण, सहभागी नियोजन पद्धति का उपयोग किया जाए। ग्रामीणों के सहयोग से सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी कार्मि, संदर्भ व्यक्ति एंव स्वच्छाग्राही के जरिए यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। घरेलू स्तर पर एकत्रित होने वाले कचरे का आंकलन एवं रसोईघर व स्नानघर से निकलने वाले धूसर जल तथा सेप्टिक टैंक से निकलने वाले काला जल की मात्रा का आंकना करना होगा। मवेशियों की संख्या , कचरे की मात्रा, प्रकार, एकत्रित होने वाली जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। कचरे के पृथक्कीरण, संग्रहण, परिवहन, उपचार एवं पुनरूपयोग के लिए जन-जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण , संवाद आदि का आयोजन किया जाएगा।
गंदे पानी का होगा निस्तारण घर के गंदे पानी का निस्तारण घर में ही सोख्ता गड्ढे का निर्माण कर किया जाएगा। घर में जमीन नहीं होने पर सार्वजनिक सोख्ता गड्ढे का निर्माण किया जाएगा। सेप्टिक टैंक से निकलने वाला काला पानी जो सीधे नालियों में प्रवाहित किया जाता है उसके लिए अलग सोख्ता गड्ढे का निर्माण किया जाएगा। ग्राम स्वच्छता मानत्रित भी तैयार किया जाएगा।
कचरे को दी जाएगी कोडिंग ठोस कचरा प्रबन्धन चिन्हित गांव में चयनित तकनीक को गांव के गूगल मैप पर अलग-अलग कलर कोड के माध्यम से दर्शाया जाएगा। इसमें व्यक्तिगत कम्पोस्टपिट को हरा वर्गाकार, सार्वजनिक कम्पोस्ट पिट पीला वर्गाकार, कम्पोस्ट इकाई कम आआरसी को लाल त्रिभुज कोड दिया गया है।
तरल कचरा प्रबन्धन व्यक्तिगत सोख्ता गड्ढा / लीज सोक पिट/ मैजिक सोक पिट को हरा गोल , सार्वजनिक सोख्ता गड्ढा पीला गोल, नाली (मरम्मत) को नीली रेखा, नाली (नवीन) को नारंगी रेखा, स्थिरीकरण तालाब को नीला आयताकार कोड दिया गया है।