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अजमेर

भ्रांति एवं सामाजिक लाज बन रही कुष्ठ रोगियों के इलाज में बाधक

-संबंधित चिकित्सालयों से मुफ्त की दवा लेने से कतराते हैं मरीज
-लेप्रोसी का इलाज दवाइयों से संभव, लाइलाज नहीं है बीमारी
-आमजन की नफरत की भावना से बचना चाहते हैं मरीज

अजमेरJun 26, 2019 / 12:37 pm

CP

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. कुष्ठ रोग पूर्णतया ठीक होने वाली बीमारी है। यह लेप्रो बेसिली जीवाणु से होती है। अगर इसका प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाकर पूर्ण उपचार लिया से इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। मगर आमजन में भ्रांति एवं सामाजिक लाज (शर्म) के चलते मरीज चिकित्सालयों/डिस्पेंसरियों से मुफ्त की दवाइयां लेने से भी कतराते हैं। मरीजों को मर्ज से अधिक समाज की शर्म से आघात पहुंच रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर कुष्ठ रोग की जांच एवं इलाज मुफ्त में उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज के जेएलएन अस्पताल में चर्म एवं रति रोग विभाग में इलाज व उपचार की समुचित व्यवस्था है। इसके बावजूद मुफ्त की दवा के नाम पर ना तो कुष्ठ रोगी आसपास के चिकित्सा केन्द्र पहुंचते हैं ना नर्सिंगकर्मी को रोग की पहचान के बारे में बताने से इंकार करते हैं। हालात यह है कि कई कुष्ठ रोगी चिकित्सा विभाग के लेप्रोसी अनुभाग के प्रभारी के पास पहुंचकर गुपचुप तरीके से मुफ्त की दवा प्राप्त करते हैं। अजमेर जिले में कई रोगी चिह्नित होने के बावजूद ये बीच में ही उपचार छोड़ देते हैं। एक कुष्ठ रोगी ने नाम नहीं छापने की बात पर बताया कि कुष्ठ रोग के नाम से आसपास के कुछ लोग नफरत करने लगे हैं। अभी भी लोगों की सोच नहीं बदली है। इन रोगियों के लिए एम.डी.टी. (कुष्ठ निवारक औषधि) कुष्ठ की शर्तिया दवा है, जो सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। जिले में वर्ष २०१८-१९ में २५ केस हैं इनमें से १७ सीएमएचओ दफ्तर में दवा लेने पहुंचे हैं, जो अपनी पहचान बाहर कुष्ठ रोगी के रूप में नहीं बताना चाहते हैं। करीब ५५ केस में से इलाज के बाद घटकर आंकड़ा २५ तक रह गया है। मगर सैंकड़ों ऐसे रोगी हैं जो समाज की नफरत व घृणा से बचने के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंचते हैं।
कुष्ठ रोग की आसान है पहचान
-चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फ ीका, एक या एक अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना नहीं आना, खुजली या जलन, चुभन न होती हो, तो कुष्ठ रोग हो सकता है।
-शरीर पर, चेहरे पर, भौहों के ऊपर, कान के ऊपर सूजन-गंठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े, तो कुष्ठ रोग हो सकता है।
-हाथ पैर में सुन्नता, सूखापन एवं कमजोरी होना।
इलाज पर सरकार देती है प्रोत्साहन राशि

लेप्रोसी अनुभाग के प्रभारी रामस्वरूप साहू के अनुसार सहयोगिनियों की ओर से खोजे गए मल्टी बेसिलरी (एमबी) रोगियों की चिकित्सक से पहचान करवा एवं पूर्ण उपचार करवाने पर राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि भी देय है।
इनका कहना है

कुष्ठ रोगियों को मुफ्त दवा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस रोग के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने का और प्रयास किया जाएगा। डॉ. के.के.सोनी, सीएमएचओ

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