जुमे की नमाज के बाद शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी के नेतृत्व में मौन जुलूस अंदरकोट स्थित ढाई दिन के झौपड़े से प्रारम्भ हुआ। जुलूस ख्वाजा साहब की दरगाह के मुख्यद्वार निजाम गेट, दरगाह बाजार, देहली गेट होते हुए गंज पुलिस थाने तक पहुंचा। वहां अतिरिक्त जिला कलक्टर अरविंद सेंगवा को ज्ञापन सौंपा गया। पूर्व में जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट तक जाकर ज्ञापन सौंपे जाने का कार्यक्रम था लेकिन सुरक्षा कारणों से गंज में ही ज्ञापन सौंपा गया।
यूएनए करे दखल ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष से मांग की गई कि म्मांयार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों को रुकवाया जाए। साथ ही भारत सरकार से भी यह अपील की गई कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को शरण दिलवाएं।
इन्होंने किया संबोधित जुलूस में पीयूसीएल के प्रदेश महासचिव अनंत भटनागर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, हाथीभाटा गुरुद्वारा के सचिव सरदार जोगेन्द्र सिंह दुआ, सीएनआई चर्च के फादर हीरालाल मैसी, इदारा दावातुल हक संस्था के मौलाना अयूब कासमी, पूर्व विधायक हाजी कयूम खान, शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती, काजी मुनव्वर आदि ने बर्मा में हो रही घटनाओं की निंदा करते हुए इसे शीघ्र रुकवाने की केन्द्र सरकार से मांग की।
हुसैन टाल गए थे सवाल
पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन अजमेर आए थे। उनसे रोहिंग्या मुस्लिम को भारत में शरण देने का सवाल पूछा गया तो वो इसे टाल गए। उन्होंने कहा कि अजमेर में रोहिंग्या मुस्लिम की समस्या है नहीं। यह देश के कुछेक सीमावर्ती राज्यों और केंद्र सरकार से जुड़ा मुद्दा है, इसे वहीं तक रहने दिया जाए तो ठीक होगा।