गौरव पथ पर खसरा नम्बर 2067 अजमेर थोक तेलियान के नाम से दर्ज है। इसमें 7 बीघा जमीन है। इसमें 3 बीघा 15 बिसवा जमीन आनासागर झील संरक्षण में चली गई। शेष 3 बीघा 5 बिस्वा तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने गौरव पथ के लिए अवाप्त कर ली है। इसके बावजूद कई बार अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया। नगर निगम की ओर से अतिक्रमण को समय-समय पर ध्वस्त भी किया गया। एडीए व जिला प्रशासन भी कार्रवाई कर चुके हैं।
इसके बावजूद गत दिनों न्यायालय में राजस्व रिकॉर्ड में मां के नाम पर दर्ज होने और अतिक्रमण से बचाने के लएि दीवार बनाने की अनुमति के लिए वाद दायर किया गया। इस पर न्यायालय ने नगर निगम के स्टे को खारिज कर दीवार बनाने की अनुमति जारी कर दी। न्यायालय ने केवल दो मीटर ऊंची दीवार की अनुमति दी है लेकिन निर्माण अधिक किया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही नगर निगम की ओर से न्यायालय में गुरुवार को रिव्यू याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
इसके बावजूद गत दिनों न्यायालय में राजस्व रिकॉर्ड में मां के नाम पर दर्ज होने और अतिक्रमण से बचाने के लएि दीवार बनाने की अनुमति के लिए वाद दायर किया गया। इस पर न्यायालय ने नगर निगम के स्टे को खारिज कर दीवार बनाने की अनुमति जारी कर दी। न्यायालय ने केवल दो मीटर ऊंची दीवार की अनुमति दी है लेकिन निर्माण अधिक किया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही नगर निगम की ओर से न्यायालय में गुरुवार को रिव्यू याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
नगर निगम ने दिया नोटिस नगर निगम की ओर से गोविन्दराम तेली को नोटिस जारी किया। नोटिस में बताया कि न्यायालय के आदेश का सहारा लेकर दीवार का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम की ओर से न्यायालय में रिव्यू याचिका दायर की जाएगी। ऐसे में यदि न्यायालय की ओर से अतिक्रमी घोषित किया जाता है तो नगर निगम की ओर से दीवार आदि को तोड़ा जाएगा और उसमें होने वाला खर्च अतिक्रमी से वसूल किया जाएगा।
सरकारी गेट का नहीं अता-पता
सरकारी गेट का नहीं अता-पता
गौरव पथ स्थित खातेदारी जमीन पर एडीए की ओर से गेट लगाया गया था। लेकिन यह गेट गायब है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम की ओर से दिसम्बर माह में चोरी-छिपे किए जा रहे निर्माण को भी नगर निगम की टीम ने ध्वस्त किया था। यह धार्मिक स्थल बनाने, अवैध बस अड्डा चलाने, नाव पर रेस्टोरेंट चलाने के भी कई बार प्रयास किए गए। इस भूमि पर गैराज व नर्सरी का संचालन किया जा रहा है।
इनका कहना है…
इनका कहना है…
न्यायालय के निर्देशों की पालना की जाएगी। नगर निगम की ओर से नोटिस भी दिया गया है। -गजेन्द्र सिंह रलावता, उपायुक्त नगर निगम अजमेर