बीसलपुर बांध में पानी कम
जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315 मीटर है। मौजूदा जल स्तर 309 मीटर रह गया है। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार मौजूदा समय में मात्र 25 प्रतिशत पानी शेष है। जबकि बांध से निकलने वाली वितरण लाईनों की मोटाई 1700 एमएम यानि करीब छह फुट चौड़ाई वाली है। जो बीसलपुर से थड़ौली व थड़ौली से केकड़ी तक है। यहां से क्रमश: लाइनों की मोटाई मांग के अनुरूप 1500, 1200 1000 व 800 तथा 400 और उससे कम होते हुए 90 एमएम के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचती है।
जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315 मीटर है। मौजूदा जल स्तर 309 मीटर रह गया है। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार मौजूदा समय में मात्र 25 प्रतिशत पानी शेष है। जबकि बांध से निकलने वाली वितरण लाईनों की मोटाई 1700 एमएम यानि करीब छह फुट चौड़ाई वाली है। जो बीसलपुर से थड़ौली व थड़ौली से केकड़ी तक है। यहां से क्रमश: लाइनों की मोटाई मांग के अनुरूप 1500, 1200 1000 व 800 तथा 400 और उससे कम होते हुए 90 एमएम के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचती है।
छीजत की समस्या मोटी पाईप लाईनें पुरानी होने के कारण यहां लीकेज समस्या आए दिन रहती है यहां पानी का दबाव इतना अधिक होता है कि पहले शट डाउन लेकर लाइन खाली करनी पड़ती है। इसके बाद ही मरम्मत संभव होती है, जबकि अन्य छोटी लाईनों में आपूर्ति 72 घंटे के अंतराल से होती है तो वहां बीच कीअवधि में मरम्मत संभव हो जाती है।
पानी चोरी व अवैध कनेक्शन पर निगरानी विभाग ने संबंधित उपखंड अधिकारियों व प्रशासन से समन्वय कर सहायक अभियंताओं की 40 सदस्यीय टीम का गठन किया है जो पानी चोरी, छीजत व अवैध कनेक्शन पकडऩे की कार्रवाई करेगा। जरुरत पडऩे पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।
आंकड़ोंं की जुबानी
1- बीसलपुर बांध की क्षमता – 315 मीटर 2- मौजूदा जलस्तर 309 3- जिले में पानी की लाईनों की देहात की लंबाई – 2000 किलोमीटर
4- शहरी क्षेत्र में पानी की लाईनों की लंबाई – 1000 किलोमीटर
1- बीसलपुर बांध की क्षमता – 315 मीटर 2- मौजूदा जलस्तर 309 3- जिले में पानी की लाईनों की देहात की लंबाई – 2000 किलोमीटर
4- शहरी क्षेत्र में पानी की लाईनों की लंबाई – 1000 किलोमीटर
5- पेयजल व्यवस्था के लिए कंटीजेंसी प्लान – 60 करोड़
6- नए हैंडपंप – 1000 7- पुनस्थापित किए जाने वाले पुराने ट्यूबवैल – 500 जजलदाय विभाग का दावा है कि बारिश व बारिश के दौरान बनाए गए कंटीजेंसी प्लान के जरिए जुलाई माह तक आपूर्ति बनाई जा सकेगी। लोगों में पानी खर्च करने में मितव्ययता व पानी लीकेज की सूचना नजदीकी अधिकारियों को देने के लिए जागरुक करना भी अहम होगा। छीजत व चोरी रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
6- नए हैंडपंप – 1000 7- पुनस्थापित किए जाने वाले पुराने ट्यूबवैल – 500 जजलदाय विभाग का दावा है कि बारिश व बारिश के दौरान बनाए गए कंटीजेंसी प्लान के जरिए जुलाई माह तक आपूर्ति बनाई जा सकेगी। लोगों में पानी खर्च करने में मितव्ययता व पानी लीकेज की सूचना नजदीकी अधिकारियों को देने के लिए जागरुक करना भी अहम होगा। छीजत व चोरी रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
सत्येन्द्र सिंह, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग अजमेर