बीसलपुर बांध में लगातार घट रहे जल स्तर एवं भीषण गर्मी का असर बढऩे से जल संकट गहराता जा रहा है। हालात यह कि शहर के किसी क्षेत्र में तीन दिन में जलापूर्ति हो रही तो कहीं चार दिन में मिल रहा है पानी। सबसे अधिक परेशानी ऊंचाई पर बने मकानों में रहने वालों लोगों को हो रही है, जलापूर्ति कम दबाव में होने से इन मकानों तक पानी ही नहीं पाता है। वहीं अन्य जगह भी पानी की आपूर्ति कम प्रेशर के साथ कम समय के लिए हो रही है।
सड़कों पर उतरे लोग एक ओर तो पजल संकट और दूसरी ओर प्रदर्शन के लिए खाली पड़े मटकों को गुस्से में फोडऩे से लोगों को दोहरे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। एक मटकी/मटके की कीमत 60 से 100 रुपए तक की है। मगर प्रदर्शन के नाम पर महिलाएं घरों से खाली पड़े मटके लाकर फोड़ रही हैं। शुक्रवार को केसरगंज क्षेत्र में मटके फोड़े तो शनिवार को नागफणी में मटके फोड़ प्रदर्शन किया गया।
टैंकर से सप्लाई के दावे खोखले साबित जलदाय विभाग के अनुसार जरूरत पडऩे पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति के दावे किए जा रहे हैं मगर दो दिनों में इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।