इससे प्रथम मंजिल व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी नहीं के बराबर पहुंच रहा है। जब सर्दी में यह हालात हैं तो आने वाली गर्मियों में स्थिति और बदतर होने के आसार हैं। वहीं विभाग अब तक कई जगह पानी की छीजत रोकने में भी नाकाम रहा है।
शहर में पेयजल संकट से जूझने के लिए जिला प्रशासन ने मैराथन बैठकें लीं। पानी की आपूर्ति को दुरुस्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों को सख्ती से भी दिशा निर्देश दिए। कुछ दिन तो ठीक ठाक चला लेकिन हालात फिर वही ढाक के तीन पात सरीखे हैं।
एक माह से हालात बदतर शहर में सितम्बर के प्रथम सप्ताह में जिला प्रशासन ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को पाबंद किया था कि वह जलापूर्ति सुनिश्चित करें। जलापूर्ति के समय अधिकारी क्षेत्र में पेट्रोलिंग करे। कहीं पानी लीकेज है तो उसे दुरुस्त करें। सितम्बर के दूसरे पखवाड़े तक यानी 30 सितम्बर तक स्थिति कुछ पटरी पर आई। लेकिन अब फिर व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
पीएम विजिट के बाद फिर वही हालात पीएम नरेंद्र मोदी की अजमेर में छह अक्टूबर को हुई यात्रा के ठीक दो दिन पहले विभाग के अधिकारियों ने अचानक ऐलान किया था कि पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और अब प्रति 48 घंटे अनुसार जल वितरण किया जाएगा। पीएम विजिट समाप्त होने के बाद 10 अक्टूबर से ही हालात जस के तस हो गए। लोगों का कहना है कि यह उनके साथ छलावा है।
दूरस्थ क्षेत्रों में जल किल्लत दूरस्थ इलाकों व शहर के अंतिम छोर के इलाकों में पिछले एक पखवाड़े से पानी की किल्लत बनी हुई है। पंचशील, हरिभाऊ उपाध्याय, चंदवरदायी नगर सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों शास्त्री नगर, अंदरकोट सहित कई इलाकों में जल पर्याप्त नहीं आ रहा। पुलिस लाइन क्वार्टर्स में रहने वालों का कहना है कि शहर के बीच होने के बावजूद उनके प्रथम मंजिल के मकानों में पानी पन्द्रह से बीस मिनट में पहुंच पाता है इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पाइप लाइन में सेंध जयपुर रोड पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के पास सडक़ पर बनी पुलिया के नीचे से गुजर रही लाइन में गुरुवार को लीकेज के कारण पानी की धार फूट पड़ी। जानकारी के अनुसार राइजिंग लाइन से प्लास्टिक के पाइप को कथित रूप से जोड़ का पानी लिया जा रहा है। यहां सरकारी आवास या चोरी की नीयत से लाइन में छेद कर पानी निकाला जा रहा है लेकिन जलदाय विभाग बेखबर है। पास में ही कई सरकारी आवास व कार्यालय बने हुए हैं।