राज्य का भूजल विभाग प्रतिवर्ष जून में करीब 3 लाख 42 हजार 239 क्षेत्र में भूजल स्तर का मापन करता है। इसके लिए सभी 33 जिलों में करीब 236 ब्लॉक चिन्हित हैं। इनमें मानसून से पूर्व और मानसून समाप्ति के बाद भूजल स्तर मापन होता है। बाद में साल उनका अध्ययन होता है।
अजमेर जिले के हालात
कृषि कार्यों, व्यावसायिक और घरेलू उपयोग के लिए लोग अंधाधुंध जल दोहन से अजमेर जिला डार्क जोन में है। भूजल विभाग प्रतिवर्ष मानूसन पूर्व और मानसून समाप्ति के बाद भूजल स्तर मापन करता है। इसके लिए जिले की नौ पंचायत समितियों में करीब 350 कुएं चिन्हित हैं।
कृषि कार्यों, व्यावसायिक और घरेलू उपयोग के लिए लोग अंधाधुंध जल दोहन से अजमेर जिला डार्क जोन में है। भूजल विभाग प्रतिवर्ष मानूसन पूर्व और मानसून समाप्ति के बाद भूजल स्तर मापन करता है। इसके लिए जिले की नौ पंचायत समितियों में करीब 350 कुएं चिन्हित हैं।
सरकार नहीं गंभीर
अंधाधुंध जल दोहन रोकने में सरकार नाकाम है। अवैध ढंग से जिले में बोरिंग जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस यदा-कदा बोरिंग मशीन जब्त करते हैं। भूजल दोहन वाले क्षेत्र में लोगों को नोटिस भी नहीं जारी होते हैं। यही वजह है, कि अजमेर जिले की स्थिति साल दर साल खराब होती जा रही है।
अंधाधुंध जल दोहन रोकने में सरकार नाकाम है। अवैध ढंग से जिले में बोरिंग जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस यदा-कदा बोरिंग मशीन जब्त करते हैं। भूजल दोहन वाले क्षेत्र में लोगों को नोटिस भी नहीं जारी होते हैं। यही वजह है, कि अजमेर जिले की स्थिति साल दर साल खराब होती जा रही है।
फैक्ट फाइल (राज्य का)
भूजल स्तर मापन का कुल क्षेत्र-3, 42, 239
राज्य में औसत बरसात-510 मिमी
कुल जिले/ब्लॉक-33/236
अत्यधिक भूजल दोहन वाले ब्लॉक-140
ब्लॉक जहां हालात खराब-50 राज्य में जून में मानसून पूर्व भूजल स्तर मापन करेंगे। कई जिलों-ब्लॉक में हालात खराब हैं। पौधरोपण, प्राकृतिक जलाशयों तक बरसात के पानी की निर्बाद आवक जरूरी है। अंधाधुंध जल दोहन की प्रवृत्ति नहीं रुकी तो हालात विकट होंगे।
सूरजभान सिंह, निदेशक भूजल विभाग
भूजल स्तर मापन का कुल क्षेत्र-3, 42, 239
राज्य में औसत बरसात-510 मिमी
कुल जिले/ब्लॉक-33/236
अत्यधिक भूजल दोहन वाले ब्लॉक-140
ब्लॉक जहां हालात खराब-50 राज्य में जून में मानसून पूर्व भूजल स्तर मापन करेंगे। कई जिलों-ब्लॉक में हालात खराब हैं। पौधरोपण, प्राकृतिक जलाशयों तक बरसात के पानी की निर्बाद आवक जरूरी है। अंधाधुंध जल दोहन की प्रवृत्ति नहीं रुकी तो हालात विकट होंगे।
सूरजभान सिंह, निदेशक भूजल विभाग