अजमेर विकास प्राधिकरण की वर्षो पुरानी योजनाओं में पानी पहुंचाने का विवाद एक बार फिर सरकार के पास पंहुच गया है। प्राधिकरण ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में नीतिगत निर्णय लिए जाने का आग्रह किया गया है। प्राधिकरण सचिव के अनुसार पृथ्वीराज नगर, महाराणा प्रताप, दीनदयाल उपाध्याय पुरम, अफोर्डेबल हाउसिंग योजना तथा ट्रांसपोर्ट नगर योजना में पानी की सुविधा के लिए जलदाय विभाग द्वारा अत्यधिक राशि के तकमीने दिए जा रहे हैं।
प्राधिकरण स्तर पर संभव नहीं भुगतान जिनका भुगतान प्राधिकरण स्तर पर संभव नहीं है। विभाग द्वारा पाइप लाइन, टंकी, स्टोर ऑफिस बिल्डिंग, पम्प रूम तकमीनों के साथ 17.5 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेज जोड़े जाते हैं। इसके अतिरिक्त 10 वर्ष तक का रखरखाव एवं बीसलपुर शेयर कॉस्ट की राशि भी जोड़ी जाती है जो कि कुल तकमीने का लगभगत 50-60 प्रतिशत तक अधिक हो जाती है। जबकि बीसलपुर परियोजना में 80 प्रतिशत केन्द्र सरकार तथा 10 प्रतिशत राशि स्थानीय निकाय के रूप में प्राधिकरण द्वारा हिस्सा राशि दी गई है।
पहुंच चुके चार करोड़
10 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा व्यय की गई है इस प्रकार पुन: प्राधिकरण से बीसलपुर शेयर कॉस्ट का मांगा जाना उचित नहीं है। इसके अतिरिक्त स्मार्टसिटी व अमृत योजना के तहत अजमेर शहर की मौजूदा पेयजल योजना में प्राधिकरा द्वारा 10 प्रतिशत राशि अंशदान के रूप में दिया जना है जिसमें से वर्तमान में प्राधिकरण द्वारा 4 करोड़ रूपए भी दिए जा चुके हैं।
10 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा व्यय की गई है इस प्रकार पुन: प्राधिकरण से बीसलपुर शेयर कॉस्ट का मांगा जाना उचित नहीं है। इसके अतिरिक्त स्मार्टसिटी व अमृत योजना के तहत अजमेर शहर की मौजूदा पेयजल योजना में प्राधिकरा द्वारा 10 प्रतिशत राशि अंशदान के रूप में दिया जना है जिसमें से वर्तमान में प्राधिकरण द्वारा 4 करोड़ रूपए भी दिए जा चुके हैं।