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कहीं पानी की चोरी, कहीं ‘जोरा-जोरीÓ

locationअजमेरPublished: Apr 22, 2019 10:43:22 pm

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घरों में खुदवाए ट्यूबवैल का बेचा जा रहा पानी, नालों से खेतों की संचाई, नर्सरी के लिए पंप (इंजन) लगाकर कर अंधाधुंध जल दोहन

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कहीं पानी की चोरी, कहीं ‘जोरा-जोरीÓ

चन्द्रप्रकाश जोशी.

अजमेर. गर्मी से पहले ही पानी के लिए अजमेर शहर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचनी शुरू हो गई है। पेयजल आपूर्ति कहींं 72 घंटे में तो कही 96 घंटों में की जा रही है। गर्मी बढऩे के साथ आपूर्ति समय में भी कटौती शुरू हो गई है। बीसलपुर बांध में पानी का दायरा लगातार सिमटने लगा है तो शहर में ट्यूबवैल से नया धंधा पनप गया है वहीं नालों का पानी का चोरी कर खेतों को हरा किया जा रहा है।
शहर में पिछले एक माह में जल आपूर्ति घटने से संकट की स्थिति बन रही है। बीसलपुर बांध के पानी से शहर को होने वाली आपूर्ति कॉलोनियों के अंतिम छोर तक पहुंचने से पहले ही टैंक व नलों में फूंक मार रही है। ऐसे में घर एवं परिवार की आपूर्ति के लिए घरों की चारदीवारी में खोदे गए ट्यूबवेल दिन-रात पानी उगल रहे हैं। पानी संकट की प्रार्थना करने वाले टैंकर चालक जमकर चांदी कूट रहे हैं। शहर में कुछ व्यक्तियों की ओर से आरओ सिस्टम व बर्फ फैक्ट्रियों के बहाने खुदवाए गए ट्यूबवेल से अवैध रूप से टैंकर भरकर पानी बेचा जा रहा है। शहर के नसीराबाद रोड पर बिहारी गंज के सामने, पालबीसला क्षेत्र, वैशालीनगर, रामगंज, माकड़वाली रोड, मदार क्षेत्र आदि में ट्यूबवेल से पानी बेचने का गोरखधंधा चल रहा है।
नालों के पानी की चोरी कर पनपा रहे खेती

शहर के अंदरूनी एवं बाहरी क्षेत्रों में नालों के पानी की चोरी कर खेती की जा रही है। खेत एवं नर्सरियों के लिए कुओं व ट्यूबवेल के पानी का उपयोग तो टैंकर भरने में हो रहा है तो खेती के लिए आसपास के नालों में पंप/इंजन लगाकर पाइपों के माध्यम से गंदा पानी खींच रहे हैं। नसीराबाद रोड से लेकर खानपुरा तक, पालबीसला में नालों के पानी की चोरी हो रही है। वहीं इससे पैदा होने वाली सब्जियां स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रही हैं।
सरकार के स्तर पर टैंकरों से सप्लाई फिलहाल नहीं!

पेयजल संकट से सामना करने के लिए कंटीजेंसी प्लान भी बने, टैंकरों से पेयजल आपूर्ति का खाका भी तैयार हो गया मगर आमजन को सरकारी टैंकरों का लाभ फिलहाल नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि घरों में खोदे गए टैंकरों से मनमर्जी के दाम वसूले जा रहे हैं। मीठे पानी के नाम पर 450 से 500 रुपए वसूले जा रहे हैं।
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