फैक्ट फाइल – 5 बीघा में बना है निगम का कांजी हाउस – 300 से 400 के बीच रहते हैं मवेशी – 20 से अधिक पकड़ते हैं मवेशी – 25 मवेशियों प्रतिदिन दूर जंगल में छोड़ते हैं ठेकेदार
यह है मुख्य कारण – मवेशियों को पालना मुश्किल हो रहा है – पाडे और भैंसा खेती के काम नहीं आता – चारा महंगा होने और दूध कम देना मुख्य वजह
– बारिश में गंदगी होने से बैठना मुश्किल सवाल मांगते जवाब – फिर क्यों नहीं कम हो रहे मवेशी – पशुओं को खुला क्यों छोड़ रहे पशुपालक – लावारिश मवेशी कहां से आ रहे हैं
होना यह चाहिए – कांजी हाउस में जाने वाले मवेशी बाहर नहीं आना चाहिए – पशुपालकों पर की जानी चाहिए सख्ती – पशुपालकों को शहर से शिफ्ट किया जाए – कांजी हाउस में पशुओं का संवर्धन होना चाहिए
– गौशालाओं को पाबंद कर लावारिश पशुओं को पहुंचाएं एक्सपर्ट व्यू अभयारण्य बनाकर छोड़ा जाए
शहर की सडक़ों पर घूमने वाले लावारिश मवेशियों को पकड़ कर अभयारण्य में छोड़ा जाना चाहिए। नाकारा पशुओं का बधियाकरण जरूरी है, जिससे यह नस्ल खराब नहीं करे। पशुपालक भी सिर्फ दूध देने वाले पशुओं को अपने पास रखता है। पाडे और भैंसे को खुला छोड़ देता है। वह भटकर और चारे-पानी की आस में रोड पर आ जाते हैं। बारिश में कीचड़ और मक्खी व कीड़ों से बचने के लिए रोड पर आ जाते हैं। नगर निगम को भी पशुपालकों पर सख्ती करनी चाहिए, तभी लावारिश मवेशियों से मुक्ति मिल सकती है।
डॉ. श्यामसुंदर चंदावत, सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, अजमेर इनका कहना है… नगर निगम की ओर से शहर से प्रतिदिन लावारिश पशु पकडकऱ कांजी हाउस भेजा जा रहा है। शीघ्र ही समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।
– चिन्यमी गोपाल, आयुक्त, नगर निगम