अजयनगर सांसी बस्ती निवासी शिक्षक अशोक तारावत की बेटी प्रीतिका तारावत के बचपन का स्केटिंग का शौक धीरे-धीरे खेल में तब्दील हो गया। परिवार की ओर से इंग्लिश मीडियम स्कूल ऑल सेन्ट्स में पढ़ाई करवाने एवं कोच ने बालिका के हुनर को समझते हुए उसे स्केटिंग में ही रोलर बॉस्केटबॉल, रोलर टेनिस की तैयारी करवाई। प्रीतिका ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कक्षा सातवीं में पढऩे वाली प्रीतिका अब तक जूनियर बालिका वर्ग में रोलबॉल में चार बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। रोलर टेनिस एवं रोलर बॉस्केटबॉल में भी टीम के साथ गोल मैडल प्राप्त कर चुकी हैं।
यह है खेल की उपलब्धियां
यह है खेल की उपलब्धियां
-अप्रेल 2017 में रोलर बॉस्केटबॉल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप हासिल की। -वर्ष 2017 जून माह में इंडो-नेपाल प्रति. काठमांडू-नेपाल रोलर बास्केटबॉल में गोल्ड मैडल (टीम का नेतृत्व) प्राप्त किया।
-राष्ट्रीय रोलबॉल में चार बार भाग लिया, एक में गोल्ड मैडल व तीन में ब्रॉस मैडल प्राप्त किए।
-राष्ट्रीय रोलबॉल में चार बार भाग लिया, एक में गोल्ड मैडल व तीन में ब्रॉस मैडल प्राप्त किए।
-पूर्व में एशियन चैम्पियनशिप के लिए चयनित हो चुकी हैं। बालिका शिक्षा की जगाऊंगी अलख प्रीतिका ने कहा कि समाज में बालिकाओं को पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है, मगर मेरे पिता, माता राजकुमारी, दादी लीलाबाई ने हमेशा पढ़ाई व खेल के लिए प्रेरित किया। प्रतियोगिता के लिए बाहर आने-जाने में भी हमेशा सहयोग दिया। सांसी समाज में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए वे भी अलख जगाएंगी। समाज की हर बेटी पढ़े, आगे बढ़े।
बेटियां नहीं बेटों से कम अशोक तारावत ने कहा कि उनकी दोनों बेटियां होनहार हैं, और बेटों से कम नहीं है। बड़ी बेटी आकांक्षा भी नेशनल खिलाड़ी हैं। प्रीतिका ने देश के बाहर में भारत व अजमेर का नाम रोशन किया है।
खेल प्रतिभा एवं क्षमता में अव्वल प्रीतिका ने रोलबॉल राष्ट्रीय एवं इंडो-नेपाल रोल बास्केटबॉल में गजब का खेल दिखाया। वल्र्डकप व एशियन चैम्पियनशिप की खिलाडिय़ों वाली टीम को हराकर टीम को गोल्ड मैडल दिया है। प्रीतिका का एशियन चैम्पियनशिप में भी चयन हो गया था मगर आर्थिक परेशानी के कारण अंतिम समय में वह भाग नहीं ले सकी। उसमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
-किशोर कुमार मारोठिया, सचिव, रोलबॉल एसोसिएशन
-किशोर कुमार मारोठिया, सचिव, रोलबॉल एसोसिएशन