सुबह ज्यों ही सूरज निकला मौसम में गर्माहट घुल गई। 10 बजे से गर्मी का असर बढ़ गया। दोपहर होते-होते आसमान से आग बरसने लगी। तेज धूप ने लोगों ने जमकर सताया। हवा में गर्माहट घुली रही। शाम करीब 4.45 बजे तेज हवा संग आंधी आई। हवा की रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। 5 से 10 मिनट धूल छाई रही, इसके बाद बादलों ने घेर लिया।जून अंत या जुलाई में मानसूनदक्षिण पश्चिम मानसून लक्ष्यद्वीप तक पहुंच गया है। यह केरल में दस्तक देने के बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। इसकी रफ्तार ठीक रही तो यह जून के अंतिम सप्ताह अथवा जुलाई के पहले पखवाड़े तक राजस्थान पहुंचेगा। अजमेर सहित पूरे राज्य में मानसून जुलाई से सितम्बर तक सक्रिय रहता है। इस दौरान होने वाली बरसात से बांधों और तालाबों में पानी की आवक होती है। इससे सालभर पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है।
सुबह ज्यों ही सूरज निकला मौसम में गर्माहट घुल गई। 10 बजे से गर्मी का असर बढ़ गया। दोपहर होते-होते आसमान से आग बरसने लगी। तेज धूप ने लोगों ने जमकर सताया। हवा में गर्माहट घुली रही। शाम करीब 4.45 बजे तेज हवा संग आंधी आई। हवा की रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। 5 से 10 मिनट धूल छाई रही, इसके बाद बादलों ने घेर लिया।जून अंत या जुलाई में मानसूनदक्षिण पश्चिम मानसून लक्ष्यद्वीप तक पहुंच गया है। यह केरल में दस्तक देने के बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। इसकी रफ्तार ठीक रही तो यह जून के अंतिम सप्ताह अथवा जुलाई के पहले पखवाड़े तक राजस्थान पहुंचेगा। अजमेर सहित पूरे राज्य में मानसून जुलाई से सितम्बर तक सक्रिय रहता है। इस दौरान होने वाली बरसात से बांधों और तालाबों में पानी की आवक होती है। इससे सालभर पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है।