सुबह से ही तेज धूप ने पसीने बहा दिए हैं। लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। धूप और उमस के कारण लोग परेशान देखे जा सकते हैं। पिछले मई से ही झुलसाती धूप और गर्म हवा के थपेड़ों के आगे लोग बेबस हैं। दोपहर में सडक़ों और बाजारों ने कफ्र्यू जैसा हाल देखा जा सकता है। जेठ महीने में सुबह से शाम तक सूरज की प्रचंडता बनी हुई है। गर्मी में कूलर और पंखों का दम फूल रहा है। देर रात तक हवा में घुली गर्माहट से घर-आंगन तप रहे हैं। इन दिनों न्यूनतम तापमान 29 से 30.2 डिग्री के बीच कायम है।
पारा 40 डिग्री के पार
बीते मई की तरह जून में भी पारे के तेवर कायम हैं। सूरज ने झुलसाने वाले तेवर बने हुए हैं। पारा पिछले एक सप्ताह से 40 डिग्री के पार कायम है। तेज धूप और लू के थपेड़े कचोट रहे हैं। इस बार 29 और 31 मई को पारा 44 डिग्री के पार पहुंचा था। जबकि पिछले साल यह 28 मई को 44.4 डिग्री ही रहा था। इससे पहले साल 2016 में यह 19 मई को 46.5 डिग्री पर पहुंच गया था।
बीते मई की तरह जून में भी पारे के तेवर कायम हैं। सूरज ने झुलसाने वाले तेवर बने हुए हैं। पारा पिछले एक सप्ताह से 40 डिग्री के पार कायम है। तेज धूप और लू के थपेड़े कचोट रहे हैं। इस बार 29 और 31 मई को पारा 44 डिग्री के पार पहुंचा था। जबकि पिछले साल यह 28 मई को 44.4 डिग्री ही रहा था। इससे पहले साल 2016 में यह 19 मई को 46.5 डिग्री पर पहुंच गया था।
मानसून पूर्व बारिश से उम्मीद मानसून 6 या 7 जून तक केरल पहुंचने की उम्मीद है। इसकी सही रफ्तार रही तो यह जून के अंतिम सप्ताह तक राजस्थान पहुंच जाएगा। इससे पहले मानसून पूर्व बारिश भी होती है। इसके बाद ही धूप और गर्मी के तेवर कुछ कम हो सकते हैं।